सारंगढ़ः बाघ की मौत के बाद शिकारियों ने शव को दफनाया, जंगली सुअर के लिए बिछाए करंट की चपेट में आने से हुई मौत, पांच आरोपी गिरफ्तार

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सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभ्यारण्य में शिकारियों के द्वारा जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से एक बाघ की मौत हो गई। शिकारियों के द्वारा इस घटना को छुपाने का प्रयास करते हुए बाघ के शव को दफना भी दिया गया था, मगर किसी तरह यह मामला सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने इस मामले के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार विगत एक महीना पहले ओडिसा से लगे हुए उदंती सीतानदी अभयारण्य वाइल्ड सेंचुरी से विचरण करते हुए एक बाघ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभ्यारण्य में आ पहुंचा था और लगातार इस क्षेत्र के जंगल मे विचरण करते हुए उसने एक ग्रामीण के मवेशी को अपना शिकार भी बनाया था। जिसके बाद से वन विभाग की टीम एक्शन मोड़ में आते हुए लगातार बाघ को ट्रैप करते हुए उस पर निगरानी की जा रही थी। इस बीच अचानक 12 जनवरी के बाद से क्षेत्र में बाघ का दिखना बंद हो गया था। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी किसी अनहोनी घटना की आशंका में अपने मुखबिरों का जाल बिछाते हुए बाघ की पतासाजी में जुटी हुई थी। इसी बीच 24 जनवरी को वन विभाग को सूचना मिली कि कुछ लोगो के द्वारा अवैध तरीके से करंट प्रवाहित तार बिछाया गया था जिसकी चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई। जिसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और फिर आनन फानन में मुखबिर के बताए निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने ग्राम घोराघाटी से तीन और ग्राम सालर से दो शिकारियों को गिरफ्तार कर जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने बाघ के शिकार करने की बात स्वीकार करते हुए शव को दफनाने की बात कही। जिनके द्वारा बताए गए जगह से बाघ का शव बरामद कर विधिवत उसका दाह संस्कार किया गया।























जंगली सूअर के लिए बिछाए करंट की चपेट में आया बाघ
बताया जा रहा है कि शिकारियों के द्वारा जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बिजली प्रवाहित करेंट तार बिछाया गया था जिसकी चपेट में आने से एक नर बाघ की मौत हो गई और फिर पकड़े जाने के डर से शिकारियों के द्वारा बाघ के शव को लात नाला के किनारे दफना दिया था जिसे बाद में शिकारियों के बताए जगह से बरामद कर रायपुर से आए वन विभाग के फोरेंसिक एक्सपर्ट और उच्च वन अधिकारियों के देखरेख में पोस्टमार्टम कर दाह संस्कार कर दिया गया है।

लगातार जारी है वन्यप्राणियों का शिकार
वन विभाग के लापरवाही के कारण पिछले एक साल के अंदर दो हाथियों समेत कई वन्यप्राणी करेंट की चपेट में आकर काल की गाल में समा गए है मगर वन विभाग में बैठे अधिकारी इस ओर गंभीर नज़र नही आते। जंगल से सटे हुए गांव के ग्रामीणों का कहना है वन विभाग का रवैया पूरी तरह से संदेहास्पद है आए दिन शिकारी करेंट लगाकर जानवरों का शिकार कर रहे है मगर गश्त में लगे वन रक्षक सिर्फ घर बैठे ही अपनी ड्यूटी निभा रहे है। बार बार शिकायत में बाद भी शिकारियों पर किसी तरह की ठोस कारवाई नही की जा रही है।

शिकारियों पर ठोस कारवाई की जरूरत
गोमर्डा क्षेत्र में दो हाथियों की मौत के बाद अब भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ की मौत करेंट से हो गई है बाघ की मौत से गोमर्डा सेंचुरी को धक्का लगा है मगर वन विभाग अब भी कोई ठोस पहल इन शिकारियों पर नहीं करती है तो आने वाले दिनों में शिकारियों के हौसले और बुलंद हो जाएंगे और उनके द्वारा इस तरह की घटना को लगातार अंजाम दिया जा सकता है इस बात से इंकार नही किया जा सकता।

इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
बाघ के शिकार मामले में वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किये गये 05 आरोपियों में सीताराम वल्द विद्याधर सिदार (उम्र 33 वर्ष), रामचरण वल्द जन्मजय बरिहा (उम्र 48 वर्ष), सहदेव वल्द सुवन बरिहा (उम्र 35 वर्ष), बंशीलाल वल्द कैतराम बरिहा (उम्र 63 वर्ष) ग्राम घोराघांटी, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है तथा धनुराम उर्फ भुनेश्वर साहू वल्द विलाल साहू (उम्र 35 वर्ष) ग्राम सालर, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के निवासी है।

क्या कहते हैं अभ्यारण्य अधीक्षक
इस संबंध में गोमर्डा अभ्यारण्य अधीक्षक का कहना है की बाघ के शव के सभी अंग बरामद कर लिए गए है पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है फिलहाल आरोपी शिकारियों पर वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही करते हुए सभी पांच शिकारियों को न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है।



































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