रायगढ़. ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, रायगढ़ में मेस के खाने से विद्यार्थियों की तबियत बिगड़ने की खबर पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्पष्टीकरण दिया है। प्रबंधन ने बताया कि रोज की तरह शुक्रवार रात भी छात्रों, छात्राओं और फेकल्टी को मिलाकर करीब 700 लोगों ने भोजन किया। शनिवार सुबह कुछ करीब 7 छात्राओं को पेट एवं सिर दर्द की शिकायत हुई। उन्हें तत्काल अस्पताल भेजकर जांच करायी गयी। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।
पूंजीपथरा स्थित ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में फूड पॉयजनिंग के कारण कई छात्राओं की तबियत बिगड़ने की अफवाह शनिवार दोपहर तेजी से फैली। इस मामले में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. अनुराग विजयवर्गीय ने बताया कि सुबह कुछ छात्राओं ने हॉस्टल की वार्डन को तबियत ठीक नहीं लगने की शिकायत की। उन्हें पेट एवं सिर दर्द की समस्या आ रही थी। वार्डन को पता चलने पर तत्काल प्रबंधन को इसकी सूचना दी। यूनिवर्सिटी के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में जांच के बाद खानपान में किसी गड़बड़ी के कारण यह समस्या होने की आशंका जतायी गयी। तब यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा छात्राओं को बेहतर जांच और सुरक्षा की दृष्टि से अपने कुछ स्टाफ के साथ र्फोटिस-ओपी जिंदल अस्पताल भेज दिया गया।






छात्राओं से बातचीत में पता चला कि बीती रात यूनिवर्सिटी की मेस में अंडा एवं पनीर बना था। कुछ छात्राओं ने ये दोनों ही चीजें भोजन में ले लीं। ऐसा अनुमान है कि यह तकलीफ इसकी वजह से हुई होगी। उन्होंने यह बताया कि बॉयज हॉस्टल, गलर्््स हॉस्टल, फैकल्टी एवं स्टाफ को मिलाकर करीब 700 से अधिक लोगों ने बीती रात यह भोजन किया था। अगर भोजन में किसी तरह की गड़बड़ी होती, तो बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके बाद भी यूनिवर्सिटी मामले की जांच कर रही है और यदि किसी तरह की अनियमितता पायी गयी, तो सख्त कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। डॉ. विजयवर्गीय ने बताया ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी अंचल में नैक ए ग्रेड प्राप्त एकमात्र यूनिवर्सिटी है। इसकी स्थापना 2014 में विश्व-स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी और इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन पूरी प्रतिबद्धता से जुटा हुआ है। यहां बेहतर शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं उनकी सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने इस तरह की अफवाहों से बचने का आग्रह करते हुए कहा है कि भ्रम की स्थिति बनने से विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ता है।
