रायगढ़। जिले में हाथियों का उत्पात एक बार फिर से शुरू हो चुका है। बीती रात हाथियों ने एक साथ 27 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। गर्मी के दिनों में भोजन और पानी की तलाश में हाथियों का दल भटकते-भटकते गांव की तरफ पहुंच जाते है और इस तरह की घटना होना आम बात हो गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र घरघोड़ा के डेहरीडीह बीट में बीती रात हाथियों ने 16 किसानों की धान, उड़द की फसल के अलावा बोर पाईप को नुकसान पहुंचाया है। इस क्षेत्र में सात हाथियों का दल विचरण कर रहा है। वहीं कटंगडीह में भी 01 हाथी ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इसी तरह धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले उदउदा बीट में एक हाथी ने 7 किसानों के धान, मूंगफली, उड़द की फसल को नुकसान पहुंचाया है, वहीं सिंघीझाप बीट में दस हाथियों ने 3 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है।
गर्मी में फसल नुकसान के अधिक मामले
जिले के घने जंगलों में पिछले कई सालों से हाथियों की मौजूदगी रही है। गर्मी के दिनों में भोजन और पानी की तलाश में भटकते-भटकते कभी दिन तो कभी रात में हाथियों का दल गांव की तरफ पहुंच जाते हैं जिससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं अक्सर सामने आते रही है। गांव के ग्रामीणों की मानें तो जंगलों में हाथियों को गर्मी के दिनों में न तो पर्याप्त मात्रा में भोजन मिलता है और न ही पानी जिस वजह से गर्मी के दिनों में अक्सर हाथियों का दल गांव की तरफ रूख करता है।
72 हाथियों का दल कर रहा विचरण
विभागीय आंकडे के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के जंगलों में 72 हाथियों का दल अलग-अलग विचरण कर रहा है। जिसमें धरमजयगढ़ वन मंडल के अलग-अलग बीट में 49 जंगली हाथी मौजूद हैं, जिनमें 10 नर, 27 मादा, 12 बच्चे शामिल हैं इसी तरह रायगढ़ वन मंडल के अलग-अलग बीट में 23 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है जिसमें 11 नर, 7 मादा एवं 5 बच्चे शामिल हैं।
वन विभाग की टीम रहती है अलर्ट
गांव में हाथियों की दस्तक के बाद वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर गांव के ग्रामीणों से हाथियों से दूरी बनाये रखने की अपील करने के साथ-साथ हाथियों को वापस जंगलों में खदेडा जाता है, ताकि क्षेत्र में किसी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो। हाथी विचरण क्षेत्रों में टैªकिंग दल एवं हाथी मित्र दल के द्वारा हाथी प्रभावित गांवों में लगातार मुनादी कराते हुए लोगों को जागरूक किया जाता रहा है।