रायगढ़। ब्रम्हऋषि संत शिरोमणि श्रीश्री 1008 श्री दादू दयाल जी महाराज के पुण्यप्रादूर्भव के उपलक्ष्य में 481वीं जयंती महोत्सव परम पावन दादूराम सत्यराम की ध्वनिमंत्र के साथ चैत्रसुदी अष्टमी को महंत श्री लक्ष्मण दास जी स्वामी एवं महामण्डलेश्वर श्री रामभजन दास जी स्वामी पुष्कर के सानिध्य में अलौकिक, धार्मिक आयोजन के साथ बड़े ही धूमधाम से किया जाएगा। श्री दादू द्वारा समिति ने समस्त श्रद्धालु क्षेत्रवासियों से इसमें शामिल होने की अपील की है
शहर के श्री गुरु दादू द्वारा ट्रस्ट के श्रद्धालुओं द्वारा भव्यता के साथ गुरु दादू जयंती को विगत 56 वर्षों से मनाया जा रहा है। वहीं इस बार भी उनकी 481 वीं जयंती की पवन बेला में भव्य तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसे भव्यता देने में श्री दादू जी के सभी सेवकगण जुटे हुए हैं।
विधिवत होगी पूजा अर्चना
तीन दिवसीय गुरु दादू जयंती के पावन अवसर पर 04 अप्रैल शुक्रवार से शहर के रामलीला मैदान स्थित दादू भवन में महंत श्री लक्ष्मण दास जी स्वामी एवं महामण्डलेश्वर श्री रामभजन दास जी स्वामी पुष्कर के सानिध्य में अलौकिक धार्मिक इस आयोजन को भव्यता दी जाएगी।





यह होगा कार्यक्रम
गुरु दादू द्वारा ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन के अंतर्गत 04 अप्रैल को सुबह सात बजे से श्री दादू वाणी जी के एक साथ पांच अखंड पाठ आरंभ होगा और शाम छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। वहीं 5 अप्रैल मार्च को सुबह दस बजे श्री दादूदयाल महाराज की महाआरती व पूजा प्रसाद व शाम पांच बजे श्री दादू वाणी जी की भव्य शोभायात्रा पूरे शहर के मध्य निकली जावेगी जिससे समस्त शहर वासियों को परम पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा तत्पश्चात पुरस्कार वितरण व अन्न प्रसाद का आयोजन भी होगा। इसी तरह 6 अप्रैल को सुबह 10 बजे से भजन कीर्तन एवं 12.30 बजे से महाभंडारा प्रसाद का भव्य आयोजन होगा।
उपरोक्त कार्यक्रम को भक्तिमय और दिव्य बनाने हेतु पूरे दादू समुदाय के सभी वरिष्ठ जन, महिलाएं, युवा वर्ग तथा बच्चे भी पूर्ण रूप से अपना योगदान देने हेतु तत्पर है एवं सभी की पूर्ण तैयारियां पूरे जोर से चल रही है।
श्री दादू समिति के अधिकारियों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस वर्ष के आयोजन विगत वर्षों से भी अधिक भव्य तथा भक्तिमय होने वाले है। श्री दादू समिति ने श्री दादू दयाल जी के इस जयंती महोत्सव में समस्त क्षेत्रवासियों को आमंत्रित किया है।
