Raigarh News: जंगली हाथियों ने छोटे डूमरपाली गांव में दी दस्तक…क्षेत्र में विचरण कर रहे गजराज…परिजनों के घर आने तक डरे सहमे रहे लोग

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रायगढ़ टॉप न्यूज 18 नवम्बर 2023।  शुक्रवार की रात खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम छोटे डूमरपाली में उस वक्त हड़कंप की स्थिति हो गई जब जंगली हाथियों के एक दल ने गांव में दस्तक दी। करीब एक दर्जन के करीब जंगली हाथियों को देखकर ग्रामीण डर के मारे अपने-अपने घरों में रहना ही मुनासिब समझे।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के छाल रेंज के जंगलों में पिछले लंबे अरसे से जंगली हाथियों की मौजूदगी है। इस क्षेत्र के जंगलों में विचरण करने वाले जंगली हाथी आये दिन आसपास के गांव में भी पहुंच कर उत्पात मचाते हैं। छाल रेंज कोरबा वन परिक्षेत्र से जुड़ा हुआ है और जंगली हाथी का दल कभी कोरबा तो कभी रायगढ़ जिले की सीमा में आते जाते रहते हैं।

शुक्रवार की रात करीब 9 बजे जंगली हाथियों का एक दल अचानक जंगलों से निकलकर खरसिया क्षेत्र के ग्राम छोटे डूमरपाली पहुंच गया। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें जरा भी यकीन नही था जंगली हाथियों का दल उनके भी गांव में दस्तक दे सकता है। ग्राम छोटे डूमरपाली में जंगली हाथियों के आने की सूचना तत्काल आसपास के गांव वालों को लग गई और फिर जहां कुछ लोग अपने अपने घरों में ही दुबक गए वही कुछ लोग अपने अपने परिजनों के घर आने तक डरे सहमे रहे।
गांव के युवा नवीन दर्शन ने बताया कि जंगली हाथियों के द्वारा गांव में किसी प्रकार की कोई नुकसानी नही की गई है। जंगली हाथियों की संख्या करीब 10 के आसपास है और अभी भी खरसिया के चोढा क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। गांव में जंगली हाथियों के आने की जानकारी वन विभाग को दे दी गई है। आशंका जताई जा रही है जंगली हाथियों का यह दल ऐडु की तरफ से नवागांव, झिठीपाली, पामगढ़ होते हुए ग्राम छोटे डूमरपाली तक पहुंचा था और सुबह बड़े डूमरपाली की सीमा तक आ पहुंचा था। गांव में जंगली हाथियों की आमद के बाद गांव गांव में मुनादी कराकर लोगों को जंगली हाथियों की जानकारी देते हुए सावधानी बरतने की अपील की गई।











हाथियों का दल क्षेत्र में विचरण कर रहे है सावधानी बरतें
केराझर पझर रानीसागर बानीपाथर होकर 2019-20 में गए हाथी का दल है जो राजेश क्रेशर से रेलवे लाइन पार कर रुकमणी पावर प्लांट से फूलबंधिया सोण्डका जैमुरा टायग पझर से माण्ड पार कर लेबड़ा काशीचुवा से केराझर के रास्ते वापसी हो सकता है। इसलिये क्षेत्रवासियों से सुबह तथा शाम के वक्त गांव से निकलकर जंगल की ओर जाने सावधानी बरतने की अपील की गई है।















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