रायगढ़, 21 मार्च2023/ केलो परियोजना के तहत नहरों के निर्माण होने से गांवों तक पानी पहुंच रहा है। जिसका उपयोग गांव में किसान खेती-किसानी के साथ ही पेयजल और निस्तारी के लिए कर रहे हैं। केलो बांध से लगभग 34 किमी दूर पुसौर विकासखंड का कठली गांव है। यहां पर केलो नहर का काम पूरा हो चुका है और यहां नहर से पानी भी पहुंच रहा है।
कार्यपालन अभियंता श्री पी.आर.फूलेकर ने जानकारी देते हुए बताया कि केलो परियोजना के तहत बन रहे नहरों में कई जगहों पर सभी पैच के कार्य पूर्ण होने पर नहरों का पानी वहां पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि केलो बांध से तकरीबन 34 कि.मी.दूर स्थिति पुसौर विकासखंड के कठली गांव में पानी पहुंच रहा है। उन्होंने नेतनागर के बारे में बताया कि इसकी दूरी बांध से करीब 25 किमी है। इसके साथ ही यह बांध से लगभग 27 मीटर डाउन में है। बांध की ऊंचाई लगभग 24.22 मीटर है। ऐसे में नेतनागर तक पानी नहीं पहुंचने वाली बात सही नही है। उन्होंने कहा कि कठली नेतनागर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। उन्होंने आगे बताया कि नेतनागर और रेंगालपाली के बाद प्रदेश की सीमा खत्म हो जाती है। इसलिए यह नहर का अंतिम छोर है। इसका बहाव से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि बांध से जब पानी छोड़ा जाता है तो बांध की ऊंचाई के अनुपात में गुरुत्वाकर्षण बल भी लगता है। जिससे पानी का वेग बढ़ जाता है। यही कारण है कि 34 किमी दूर कठली तक पानी पहुंच रहा है। ऐसे में नेतनागर तक पानी नही पहुंचने वाली बात सही नहीं है।





गौरतलब है कि सिंचाई विभाग केलो नहरों का काम तेजी से पूरा करवाने में लगा हुआ है। परियोजना के पूरे होने से रायगढ़ और सक्ती जिले के 175 गांवो के 22810 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा सतही जल से मिलेगी। नहर के पानी का उपयोग जलस्रोतों को भरने, पेयजल, निस्तार और ग्राउंड वाटर रिचार्ज में भी होगा।
