अमेरिका से डॉ अनिता कपूर विषय विशेषज्ञ के रूप में हुई सम्मिलित
डॉ. विनय कुमार पाठक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए
देश विदेश के 2000 प्रतिभागियों की रही सहभागिता
रायगढ़, 25 फरवरी 2023/ किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा आयोजित द्वि दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस आयोजन में अमेरिका, ब्रिटेन, नार्वे, कनाडा और चीन के साथ भारत के पच्चीस राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से विद्वान वक्ता, साहित्यकार, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में देश के प्रतिष्ठित कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी एवं उड़िया भाषा संस्कृति के प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री हलधर नाग उपस्थित हुए। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय कुमार पाठक, शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ के कुलपति डॉ ललित प्रकाश पटेरिया, अमेरिका की प्रवासी साहित्यकार डॉ अनिता कपूर, केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सह निदेशक द्वय डॉ दीपक पांडे एवं डॉ नूतन पांडे, दिल्ली विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में प्राध्यापक के पद पर पदस्थ डॉ राम नारायण पटेल, साहित्य वाचस्पति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. करुणा पांडे के आतिथ्य में यह गरिमामय आयोजन पूर्ण हुआ। सर्वप्रथम आयोजन की विधिवत शुरुआत कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर, जगदीश मेहर, मनहरण सिंह ठाकुर, ईशा यादव एवं आनंद के सामूहिक सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत के साथ हुई। विभागाध्यक्ष डॉ. मीनकेतन प्रधान ने इस अवसर पर समस्त अतिथियों का साहित्यिक परिचय देते हुए संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और कहा यह संगोष्ठी जहां विद्वान वक्ताओं और साहित्यकारों का महाकुंभ है वहीं विद्यार्थी वर्ग भी इससे सर्वाधिक लाभान्वित हो यही हमारा लक्ष्य है।
मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित डॉक्टर लीलाधर जगूड़ी ने इस अवसर पर संगोष्ठी के विषय छायावादोत्तर हिंदी कविता में रचनात्मक प्रतिबद्धता और सार्थकता पर प्रकाश डाला उन्होंने आयोजक मंडल को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से हिंदी भाषा का गौरव बढ़ता है और वह दूर-दूर तक विस्तृत होती जाती है। उन्होंने कहा यह विषय साहित्य की पाठकों और समीक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री लीलाधर जगूड़ी जी के द्वारा उद्बोधन के साथ ही अपनी कुछ प्रसिद्ध कविताओं का पाठ भी किया गया। पद्मश्री श्री हलधार नाग ने इस अवसर पर आयोजक मंडल और हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मीनकेतन प्रधान को बधाई देते हुए अपनी बातें रखी। उन्होंने समकालीन हिंदी कविता पर बात करते हुए उड़िया भाषा और संस्कृति पर भी प्रकाश डाला। अमेरिका की प्रवासी साहित्यकार डॉ. अनिता कपूर ने इस अवसर पर छायावादोत्तर काव्य आंदोलन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। विभिन्न साहित्यकारों की रचनाओं की चर्चा की। डॉक्टर दीपक पांडे ने इस अवसर पर प्रगतिवादी काव्य पर प्रकाश डाला उन्होंने नागार्जुन, शमशेर, त्रिलोचन और केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं की चर्चा करते हुए प्रगतिवाद की बाद प्रयोगवाद और नई कविता की दिशा में हिंदी के विकास क्रम को उल्लेखित किया। डॉ विनय कुमार पाठक ने सत्र अध्यक्ष के रूप में अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि यह पूरे अंचल के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि यहां भौतिक रूप से अमेरिका और अन्य अलग-अलग दूर देशों से लोग प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित हुए हैं । छायावादोत्तर हिंदी कविता रचनात्मक प्रतिबद्धता और सार्थकता शीर्षक को भी उन्होंने व्याख्यायित किया। डॉक्टर करुणा पांडे ने प्रयोगवाद एवं नई कविता काव्य आंदोलन पर अपनी बातें रखी उन्होंने प्रयोगवाद के विभिन्न कवियों अज्ञेय, मुक्तिबोध इत्यादि की काव्य की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए आज के जीवन से उसे जोड़ने का काम किया एवं नई कविता की यात्रा कैसे बढ़ी उस पर भी प्रकाश डाला। डॉ नूतन पांडे ने इस अवसर पर प्रवासी साहित्यकारों द्वारा लिखी जा रही साहित्य की चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में अभिमन्यु अनत एवं अन्य प्रवासी साहित्यकारों की रचनाओं से कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हुए या बताया की भारत के बाहर भी इस प्रकार से हिंदी भाषा में समृद्ध लेखन कार्य चल रहा है।
डॉक्टर राम नारायण पटेल ने समकालीन हिंदी कविता पर विस्तार से अपनी बात रखें आधुनिक हिंदी कविता किस रूप में समकालीन हिंदी कविता तक प्रसरित हुई यह उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया उनकी कुछ शोधार्थी प्रपत्र वाचन के लिए ऑनलाइन माध्यम से 3 से भी जुड़ कर अपनी सहभागिता निभाई। श्री लिंगम चिरंजीव राव ने इस अवसर पर नवगीत काव्य आंदोलन पर प्रकाश डाला। डॉ रामायण प्रसाद टण्डन से सत्र समीक्षा की। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अंजनी कुमार तिवारी ने इस गरिमामय आयोजन के लिए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष और समस्त सदस्यों, विद्यार्थियों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस गरिमामय आयोजन में विदेश, देश के विभिन्न राज्यों से आये विद्वतजन सहभागी बने। महाविद्यालय परिवार, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के सदस्य डॉ. रवींद्र चौबे, सुश्री लक्षेश्वरी, श्री उत्तरा कुमार सिदार, डॉ रमेश टण्डन, सौरभ सराफ, बी के भगत एवं स्नातक स्नातकोत्तर के अनेक विद्यार्थियों की सक्रिय उपस्थिति रही।