रायगढ़। शहर के राजापारा स्थित महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर में रियासत काल से रथयात्रा उत्सव को उड़ीसा के जगन्नाथपुरी की तरह बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाने की परंपरा चली आ रही है और शहर के उत्कल सांस्कृतिक समिति, राजपरिवार के सदस्यगण व शहर के श्रद्धालुओं द्वारा रथयात्रा उत्सव इस बार भी मनाया जा रहा है वहीं विगत 8 जुलाई को धार्मिक परंपरानुसार महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र देव व सुभद्रा देवी को उनके गुंडिचा मौसी के घर जयकारे के साथ ले जाया गया था और समूचा अंचल हरि बोलो के जयकारे से गुंजित हो गया था।
आज होगी महाप्रभु की वापसी
उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति के अध्यक्ष देवेश षडंगी ने बताया कि आज की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार कल संध्या 15 जुलाई को शाम 4 बजे मौसी घर से श्री मंदिर जाने भगवान वहीं रथारुढ होंगे। इसके पश्चात रथ मौसी घर से सदर बाजार होते हुए हटरी चौक, गद्दी चौक से पैलेस रोड, चांदनी चौक से श्रीजगन्नाथमंदिर वापस लौटेंगे। जहां उत्कलिका द्वारा महा आरती एवं स्वागत किया जायेगा व बाहुड़ा रथ यात्रा मनाया जाएगा और महाप्रभु जगन्नाथ बलभद्र देव व सुभद्रा देवी के विग्रह को श्रद्धा से मंदिर लाया जाएगा और विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उनकी पूजा अर्चना होगी
16 को सोनाभेष नीलाद्री विजय
वहीं 16 जुलाई को सोनाभेष नीलाद्री विजय की पूजा होगी और विशेष श्रृंगार किया जाएगा। महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा को सोने के आभूषणों से सजाया जाएगा। जिसका श्रद्धालुगण भगवान महाप्रभु का इस भेष में दर्शन कर सकेंगे।