शासन से मिली मशीन लेकिन उपयोग में लाने केजीएच प्रबंधन के पास नही फंड
रायगढ़ टॉप न्यूज 17 अप्रैल 2023। चार माह से आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन केजीएच के स्टोर रूम में पड़े-पड़े सड़ रही है। उसे चालू करने के लिए न तो लाइसेंस है और न ही उसके लिए लैब बनाया गया है। शासन ने भले ही केजीएच को यह मशीन मिल गई है, लेकिन उसे उपयोग में लाने के लिए प्रबंधन के पास बजट ही नहीं है । जिससे इसमें कोविड टेस्टिंग नहीं हो पा रही है । दरअसल मेडिकल कॉलेज अलग होने के बाद किरोड़ीमल जिला चिकित्सालय की दुर्दशा हो गई है। पहले जहां इस अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध रहतीथी तो वहीं अब फंड का रोना रोया जाता है। कोरोना महामारी से सबक लेते हुए बीते साल शासन ने केजीएच को लाखों रुपए की आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन दी थी ।
इस बात को महीनों बीत गए हैं, लेकिन केजीएच प्रबंधन के पास मशीन को चलाने की न तो परमिशन है और न ही लाइसेंस । वहीं अब फिर से इस मशीन को उपयोग में लाने के लिए शासन से फंड का इंतजार हो रहा है। दरअसल इस मशीन को शुरू करने से पहले अस्पताल के किसी स्थान में लैब बनाना पड़ेगा । लैब बनाने में ही करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके बाद यहां से एम्स रायपुर को आवेदन भेजा जाएगा। फिर वहां से आवेदन आईसीएमआर दिल्ली को फारवर्ड होगा । फिर दिल्ली से टीम लैब देखने आएगी । जब सबकुछ ठीक रहा तो फिर मशीन को इंस्टॉल करने की परमिशन दी जाएगी। इसके बाद फिर मशीन चालू हो पाएगी। इस प्रक्रिया में तो सालों लग जाएंगे। साथ ही केजीएच प्रबंधन के पास तो सिर्फ लैब बनाने के लिए ही फंड नहीं है । ऐसे यह मशीन कुछ माह में ही कंडम हो जाएगी।
जब जरूरत तब काम का नहीं
ज्ञात हो कि पूर्व में केजीएच में टू नॉट मशीन लगी थी। सरकारी अस्पताल में एक मात्र ऐसा अस्पताल था जहां पर टू नॉट से कोरोना की जांच की जाती थी, लेकिन जब मेडिकल कॉलेज अलग हुआ तो वे टू नॉट मशीन को भी ट्रू उखाड़ कर अपने साथ ले गए। जिससे केजीएच में कोरोना जांच करने के लिए एंटीजन कीट के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वहीं अब जब आरटीपीसी टेस्ट मशीन शासन ने भेज दिया है, जिसकी अभी सबसे जरूरत है तब वह मशीन किसी काम का नहीं रह गया है।
जगह है पर बजट नहीं
अस्पताल प्रबंधन की मानें तो अगर शासन केजीएच को फंड देता है तो उनके पास जगह की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में अस्पताल के भीतर सुलभ शौचालय के सामने अनाधिकृत जो पार्किंग स्थल है उस स्थान को प्रबंधन लैब के लिए चयनित कर चुकी है, लेकिन कमी है तो सिर्फ फंड की ।
शासन ने आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन भेज तो दिया है, लेकिन उसके लिए लैब बनाने और शुरू करने के लिए हमारे पास फंड नहीं है । अस्पताल मरम्मत के लिए हमें फंड नहीं मिल पा रहा है तो इसके लिए किससे फंड मांगे । ऐसे में मशीन स्टोर रूम में पड़ा है ।
डॉ. आरनएन मंडावी, सिविल सर्जन, केजीएच