Raigarh News: जिसने प्रेम करना सीखा, उसे ही परमात्मा मिला – पं संगीत कृष्ण सांवरिया

0
152

अंश होटल में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

रायगढ़, शहर के प्रतिक्षित नहाडिया परिवार के श्रद्धालुगण अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति व उन्हें मोक्ष दिलाने के पुनीत उद्देश्य से श्री हरि की कृपा व अपनी कुल देवी माता भीमेश्वरी देवी बेरीवाल और पूर्वजों को जगत के पालनहार श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त करने विगत पांच सितंबर से 11 सितंबर तक सात दिवसीय पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन शहर के होटल अंश में कर रहे हैं। व्यासपीठ पर विराजित अखिल भारतीय चतुः संप्रदाय अध्यक्ष श्रीमद्भागवत कथा के उद्धट विद्वान परम पूज्य आचार्य श्री संगीत कृष्ण सांवरिया बाबा प्रतिदिन अपने दिव्य प्रवचनों से दोपहर तीन से शाम सात प्रतिक्षित नहाडिया परिवार व उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं। वहीं आज समापन अवसर पर उन्होंने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को गोपी उद्वव प्रसंग, सुदामा चरित्र और शुकदेव गमन की कथा का रसपान कराए। जिसे सुनकर श्रद्धालुगण कृतार्थ हो गए।























उद्धव ने जाना क्या है प्रेम – – कथा प्रसंग के अंतर्गत व्यासपीठ पर विराजित अखिल भारतीय चतुः संप्रदाय अध्यक्ष श्री संगीत कृष्ण सांवरिया बाबा ने उद्वव प्रसंग के अंतर्गत कहा कि गुरुदेव बृहस्पति के शिष्य उद्धव को ज्ञान का बहुत अभिमान था। जब वे बृजमंडल गोपियों को समझाने गए थे और ज्ञान की बातें सुना रहे थे तब बृज की गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम व अपने हृदय के भाव को अभिव्यक्त कर उन्होंने कहा कि उद्धव जी आपके ज्ञान की गठरी को अपने पास रखिए हम तो केवल कन्हैया के प्रति प्रेम को ही जानते हैं और यह हमारा प्रेम ना कभी छूटेगा और ना ही टूटेगा तब गोपियों का असीम प्रेम व समर्पण को देख उद्धव भी अपना सारा ज्ञान भूलकर प्रेम के महत्व को समझे – जानें और बृजमंडल से प्रेम लेकर लौट गए।

मन में सुदामा की तरह श्रद्धा हो – – कथा प्रसंग के अंतर्गत सुदामा चरित्र की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि हृदय व मन में विप्र सुदामा की तरह प्रेम और श्रद्धा का होना नितांत जरूरी है तभी परमात्मा की प्राप्ति होती है। विप्र सुदामा का जीवन त्राहि – त्राहि हो गया और उन्होंने ना कभी श्री मधुसूदन से कोई शिकायत की और ना ही याचना। परमात्मा ने भी उनकी तरह – से परीक्षा ली मगर सुदामा कभी विचलित नहीं हुए फिर उनका अनन्य प्रेम व भाव देखकर श्री राधे प्रसन्न हो गए और गरीब विप्र सुदामा को रंक से राजा बना दिए। ऐसी ही परमात्मा श्रीहरि की अपार लीला। इस कथा के पश्चात शुकदेवजी गमन की कथा हुई। जिसे श्रद्धालुओं ने सुना तत्पश्चात कथा विश्रांति हुई व सुदामा चरित्र की जीवंत झांकी प्रसंग हर किसी के लिए यादगार बन गया वहीं आज 12 सितंबर को हवन पूर्णाहुति होगी इसके पश्चात गया प्रस्थान होगा और आगामी 5 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से होटल अंश में महाभंडारा काआयोजन होगा।

आयोजन को इन्होंने दी भव्यता–पितृमोक्षार्थ भाव से आयोजित सात दिवसीय भव्य श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन को भव्यता देने में नहाडिया परिवार के कृष्णा कुमार, दयाराम, जयप्रकाश, श्यामसुंदर,राजेन्द्र ,डॉ विजय ,सुरेश , शंकर लाल,पवन ,विनोद ,कमल , संजय  मनोज  आनंद  विमल , राजेश  नटवर नहाड़िया ,परमानंद, आकाश, डॉ राहुल अग्रवाल, डॉ आकाश अग्रवाल, अंकित ,विवेक, रानू,स्वपनिल, साकेत , CA रूपेश अग्रवाल , सौरव,संस्कार, सुयश, CA अरिंन अग्रवाल ,  वेदंश,अनुराग ,सृजन, प्रथम ,राकेश, नवनीत,आदित्य,आर्यन, आरव,तनय, अव्यान, अजन्य, अगस्ता एवं सभी नहाड़िया परिवार के सदस्यों का योगदान रहा।



































LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here