रायगढ़ टॉप न्यूज 15 मार्च। डॉ. वैदिक के निधन को हिंदी पत्रकारिता के युग का अवसान बताते हुए प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा वरिष्ठ स्तंभकार, पत्रकार व लेखक डाॅ. वेद प्रताप वैदिक जी के निधन से स्तब्ध हूँ। संवेदना शोकाकुल परिजनों को संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा IAS की तैयारी में आपके द्वारा लिखित किताबें एवम स्तमभ पढ़ने का अवसर भी मिला l मध्य एशिया, अफ़गानिस्तान व पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ रहे l ओपी चौधरी ने ईश्वर के श्री चरणों में स्थान देने की कामना भी की l उनकी पत्रकारिता में राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति की झलक दिखाई पड़ती थी l हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने का अनुभव रहा l अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया। वेदप्रताप वैदिक जी ने करीब 10 वर्षों तक पीटीआई-भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। बीते कुछ समय में उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं l डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय अध्यक्ष भी रहे l भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद में भी उनकी सदस्यता रही !
