रायगढ़ टॉप न्यूज 20 मई। सुनील रामदास ने 2000 रुपये के नोट के चलन को रोकने के सरकार के नये निर्णय का स्वागत करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा करना देश हित में है।
सुनील रामदास, इस निर्णय को देश, समाज और अर्थव्यवस्था के हित में मानते हैं। उनका मानना है कि सरकार के इस पहल से बाजार में प्रचलित नकली मुद्रा की समस्या में कमी आएगी, जिससे अर्थव्यवस्था की मजबूती को बढ़ावा मिलेगा।
उनके अनुसार, यह कदम डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देगा जो की पारदर्शिता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रुपये 2000 का नोट वैसे भी बाजार में चलन निरंतर कम होता जा रहा था। मुद्रा की जमाखोरी को हतोत्साहित करने की दिशा में यह उल्लेखनीय कदम है। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यस्था में छोटे नोटों का चलन बढ़ेगा और बाजार में तरलता बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था अधिक पारदर्शी बनेगी।
यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक कदम आगे चलने जैसी बात है। बड़ी मुद्रा पर रोकथाम नगद लेन-देन को कम करके अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के विस्तार को रोकने में सहायक होगा। इससे डिजिटल लेनदेने को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम काला-धन और अन्य अनैतिक आर्थिक गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा,और यह भारत की वित्तीय प्रणाली को और अधिक मजबूत और व प्रभावशाली बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
सुनील रामदास ने समाज की ओर इस निर्णय का समर्थन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह सम्पत्ति के अनुचित वितरण और अन्य असमानताओं को कम करने में मदद करेगा।
समग्र रूप से, सुनील रामदास इस कदम को स्वागत करते हैं और उम्मीद व्यक्ति कि हैं कि 2000 रुपये की मुद्रा को प्रचलन से रोकना देश के अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना और आर्थिक स्थिरता की दिशा में निसंदेह ही एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।