Raigarh News: भगवान श्रीहरि की वाणी है श्रीमद्भागवत कथा  – पं महेश तिवारी

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चांदनी चौक में भव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन

रायगढ़। शहर की सामाजिक व धार्मिक सुर संगम कला समिति युवराज हटरी चाँदनी चौक के श्रद्धालुगण विगत 37 वर्षों से शारदा पूजन बसंत पंचमी के पावन अवसर पर अनवरत सात दिनों तक पावन श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन करते आ रहे हैं। वहीं इस बार भी आज बसंत पंचमी महापर्व के दिन अपनी परंपरा को निभाते हुए 38 वें सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजन का शुभारंभ कलश पूजा के साथ किए।























कथा स्थल से निकली शोभा यात्रा – – समिति के सभी श्रद्धालुओं ने कथारंभ के पूर्व आज व्यासपीठ पर विराजित छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं महेश तिवारी बिलासपुर वाले व श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य यजमान खगेश्वर थवाईत, श्रीमती वसुंधरा थवाईत, उमेश थवाईत, श्रीमती दीक्षा थवाईत के सानिध्य में कथा स्थल से कर्मा पार्टी, आतिशबाजी व जय जयकारे के साथ कलश शोभा यात्रा निकाली गई जो चाँदनी चौक से राजघाट केलो नदी पहुंची वहां से जलभरकर पुनः शहर परिभ्रमण करते हुए कथास्थल पहुँची। पवित्र इस कलश शोभा यात्रा में मोहल्ले की महिलाएं, युवतियों व बच्चों ने भी श्रद्धा से भाग लिया।

आज से हुआ कथा आरंभ – – श्रद्धालु उमेश थवाईत ने बताया कि कलश शोभा यात्रा, वेदी पूजा प्रतिष्ठा व श्रीमद्भागवत महात्म्य के पश्चात आज नारद चरित्र से कथा आरंभ होगी व व्यासपीठ पर विराजित छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं महेश तिवारी बिलासपुर वाले निसदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक अपने दिव्य प्रवचनों से श्रद्धालुओं को निहाल करेंगे। इसके पश्चात महाआरती व प्रसाद वितरण होगा।वहीं कथा श्रवण करने समाज के विशिष्टगण भी आएंगे।

हरि व्यापक सर्वत्र समाना – – श्रीमद्भागवत महात्म्य की कथा का रसपान कराते हुए आज व्यासपीठ पर विराजित सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं महेश तिवारी ने कहा कि भागवत साक्षात भगवान के मुखारविंद से निकली कथा है। इसमें 18 हजार श्लोक हैं। इसमें भगवान के सभी स्वरुपों और जगत कल्याण का महत्व है। भगवान को समझने के लिए सदचित आनंद को समझना जरुरी है। इसलिए इन्हें सच्चिदानंद और सदानंद कहते हैं। वे सृष्टि के कण – कण में विराजित हैं। उनका परोक्ष व अपरोक्ष रुप से दर्शन किया जाता है। किसी मूर्ति में ईश्वर को देखना परोक्ष साक्षात्कार है और हर जीव में उनको देखना अपरोक्ष दर्शन है। इसीलिए उन्हें कहा जाता है “हरि व्यापक सर्वत्र समाना। भगवान ही सत्य हैं। इसलिए हर मनुष्य को जीते जी समय निकाल कर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।

प्रभु हमारे अंदर विराजित – – पं तिवारी ने कहा कि भगवान ने कहा कि भगवान के तीन रुप हैं। पहला है सत्य, दूसरा चित्त है व तीसरा है आनंद और ये तीनों अदृश्य रुप में है। इसको समझने के बाद ही भगवान की अनुभूति मन में होने लगती है फिर किसी न किसी रुप में वे अपने सच्चे भक्तों को दर्शन देकर उनके जीवन का कल्याण करते हैं। वहीं भगवान ही इस सृष्टि का निर्माण किए हैं। वहीं निर्माणक, वही विधाता और वही संहारकर्ता हैं। वहीं उन्होंने कहा कि दैहिक, दैविक, भौतिक तापा ये तीन तरह के ताप हैं व इन तीनों तरह के ताप मनुष्य को पीड़ित करते हैं और इस पीड़ा को भगवान श्री हरि ही हर लेते हैं। इसलिए उनकी भक्ति जीवन में जरुरी है। इस तरह से पावन कथा की शीतल बयार कथा स्थल में बह रही है। जिसका आनंद श्रद्धालुगण ले रहे हैं।

यह होगा कार्यक्रम – – पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम के अन्तर्गत आज 15 फरवरी को नारद चरित्र, वराह अवतार, शुक्रवार 16 को कपिल उपाख्यान, शिवसती कथा, ध्रुव चरित्र, शनिवार 17 को वामन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म उत्सव, रविवार 18 को बाललीला, कालिया मर्दन, गोवर्धन पूजा, सोमवार 19 को रासलीला, कंस उद्धार, रुक्मिणी विवाह, मंगलवार 20 को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष कथा व चढ़ोत्री व बुधवार 21 को गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम, तुलसी वर्षा, हवन तर्पण, सहस्त्रधारा व इसके पश्चात महाभंडारा का आयोजन होगा। वहीं पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सात दिवसीय आयोजन को भव्यता देने में सुर संगीत कला समिति युवराज हटरी चाँदनी चौक के श्रद्धालु. सहित अनेक सदस्यगण जुटे हैं।



































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