Raigarh News: Raigarh News: स्व-सहायता समूह की दीदियों के लिए बना सरस मेला मिल का पत्थर, 84.40 लाख रुपए से अधिक का व्यवसाय हुआ 9 दिनों में, घरेलू सामानों से लेकर जैविक खाद्य सामग्रियां पसंद कर रहे लोग

0
183

छत्तीसगढिय़ां व्यंजन खूब लुभाया लोगों को, समूह की दीदियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में दी बेहतरीन प्रस्तुति

रायगढ़, 12 जनवरी 2025/ शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम रायगढ़ में पहली बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बिहान कार्यक्रम अंतर्गत क्षेत्रीय सरस मेला-2025 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बिहान की महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जा रहा है। सरस मेला में रायगढ़ समेत छ.ग. के सभी 33 जिलों से बिहान की महिला स्व-सहायता समूह की दीदियां एवं अन्य राज्यों जैसे-झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, असम, महाराष्ट्र की स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया है। सरस मेला में 224 से अधिक स्टॉल लगाये है, जिनमें 268 से अधिक महिला स्व-सहायता समूह की दीदियों ने भाग लिया है। सरस मेला स्व-सहायता समूह की दीदियों के मिल का पत्थर साबित हो रहा है।









सरस मेला में अब तक कुल 84.40 लाख से रूपये से अधिक की बिक्री 11 जनवरी 2025 तक की गई है। जिसमें छ.ग. से 62 लाख 75 हजार रूपये से अधिक महिला स्व-सहायता समूह के दीदियों ने अपने द्वारा निर्मित वस्तुओं का प्रदर्शन एवं बिक्री किए हैं। बिहार से 4.13 लाख, उत्तरप्रदेश 4.03 लाख, मध्यप्रदेश 3.54 लाख, महाराष्ट्र 3.03 लाख, झारखण्ड 2.77 लाख, हरियाणा 1.98 लाख, पंजाब 1.50 लाख एवं असम 61 हजार रुपए से अधिक बिक्री की गई है। छ.ग. से सर्वाधिक बिक्री रायगढ़ जिले से लगभग 14.77 लाख रूपये की गई है, साथ ही जांजगीर चांपा से 10.74 लाख रूपये, कोरबा से 3.40 लाख, बस्तर एवं धमतरी से 3 लाख से अधिक की बिक्री की गई है।

सरस मेला का मुख्य आकर्षण का केन्द्र छ.ग. के स्थानीय व्यजंन ठेठरी, मुरकु, हिरवा रोटी, डुसका, फरहा, चिला, आईसा, पीठा, गुलगुला भजीया, देहाती बड़ा, चौसेला, ठेकुवा आदि रहा। सरस मेला में रायगढ़ के एकताल एवं बस्तर के धातु शिल्प कला को लोगों ने काफी सरहा। बस्तर के लाल चावल, लोकटी, माच्छी चावल, बस्ता भोग चावल, काला चावल, सुरजपुर एवं सरगुजा का जीराफुल चावल, बीजापुर का जिंक राईस, की काफी मांग देखी गई, जो कि सभी जैविक खाद से उत्पादित है। जशपुर की मौहुवा चवनप्राश, कटहल कुकी, रागी कुकी, ग्रीन टी एवं महुआ टी बैग की मांग देखी गई। सरस मेला कार्यक्रम न सिर्फ उत्पादों के प्रदर्शन एवं बिक्री तक ही सीमित नही था इस मेले में स्व-सहायता समूह की दीदियों के लिये रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ बॉक्स क्रिकेट, बॉक्स बैडमिंटन, रस्साकस्सी, कुर्सी दौड़, मटका फोड़, निशाने बाजी जैसे खेलों का भी आनंद दीदियों ने उठाया कार्यक्रम में रायगढ़ जिले के स्कूली बच्चों एवं स्वशायी संस्थाओं, जिले, छ.ग.राज्य एवं अन्य राज्य के स्व-सहायता समूह के दीदियों के द्वारा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई, जिसे बाहर से आये दर्शकों ने काफी सराहा। सरस मेला का समापन छत्तीसगढ़ के प्रथम पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा के साथ किया जाएगा।





LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here