रायगढ़ – – महाराजा चक्रधर सिंह संगीत सम्राट की कला व ख्याति को बरकरार रखते हुए शहर के प्रसिद्ध श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय व उत्सव मधुगुंजन समिति की अभिनव पहल से पहली बार भव्यता के साथ ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता व उत्सव मंधु गुंजन कार्यक्रम का आयोजन शहर के निगम आडिटोरियम में किया गया जहां शहर के अतिरिक्त देश के अन्य राज्यों के विभिन्न कला विधा से जुड़े हुए होनहार कलाकार बच्चों ने अपनी उत्कृष्ट कला प्रतिभा से हजारों कला प्रेमियों का मन व दिल जीत लिया।
70 बच्चों ने दी यादगार प्रस्तुति – – कथक कला निर्देशक व अंतरराष्ट्रीय कथक कलाकार शरद वैष्णव ने बताया कि तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता व उत्सव मधुगुंजन के आज अंतिम भव्य कार्यक्रम में कथक, भरतनाट्यम, शास्त्रीय गायन, पेंटिंग, तबला, लोक नृत्य, सेमी क्लासिकल, नृत्य, सुगम संगीत विधा से लगभग 70 होनहार बच्चों ने भाग लिया।





प्रतिभावान बच्चों का हुआ सम्मान – – उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के पहले ही दिन से विभिन्न विधा से जुड़े हुए प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित किया गया।वहीं प्रतियोगिता के आधार पर उत्कृष्ट प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार विशिष्ट अतिथियों के सानिध्य में दिया जाएगा। इसी तरह लगभग 70 हर विधा से जुड़े हुए प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।
देश के 150 प्रतिभागियों ने लिया भाग – – उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता व उत्सव के अंतर्गत छत्तीसगढ़ से रायगढ़, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, खैरागढ़, बिलासपुर, कोरबा, भुवनेश्वर, उड़ीसा के बीहड़ क्षेत्र, रेहन यूपी, बनारस, जबलपुर, कटनी व भोपाल से लगभग 150 कलाकारों ने भाग लेकर इस आयोजन को भव्यता दी।
समिति की पूरी टीम का योगदान – – कथक कला निर्देशक शरद वैष्णव ने बताया कि आयोजन को भव्यता देने में अजीत कुमार स्वाइन आशीष निषाद, रविकांत थवाईत, आयुषी साव, आरोमा दुबे, प्रतीश बाजपेयी सहित पूरी टीम समिति के सभी सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।वहीं अंतिम प्रस्तुति के दिन आज सभी मर्मज्ञों की विशेष उपस्थिति रही।
