रायगढ़। शहर के मध्य स्थित मालधक्का रोड रेलवे अंडरब्रिज, जिसे “अंधेरी पुलिया” के नाम से जाना जाता है, को रेलवे विभाग बंद करने की कवायद में जुटा हुआ है। हाल ही में रेलवे विभाग ने ब्रिज नंबर 119 को आम जनता के आवागमन के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया है और इस सूचना को पुल के दोनों तरफ बड़े अक्षरों में लिखवा दिया गया है। यह पुल जूटमिल, मिड्डूमुड़ा, बाजीराव पारा, सावित्री नगर, बेनी कुंज, ट्रांसपोर्ट नगर और आधे से अधिक शहर को मुख्य शहरी क्षेत्र से जोड़ता है।
6 दशक पुराना पुल, आज भी जरूरी
लगभग 60 वर्षों से इस पुल का उपयोग इन क्षेत्रों के निवासियों द्वारा आवागमन के लिए किया जा रहा है। स्कूल के बच्चों, कामगारों और स्थानीय लोगों के लिए यह पुल एक मुख्य मार्ग है। रेलवे के इस निर्णय के बाद क्षेत्र के निवासियों में रोष और असंतोष बढ़ता जा रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि, विधायक, या प्रशासनिक अधिकारी ने इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है।
वैकल्पिक मार्ग से बढ़ेगी दूरी, जोखिम भी कम नही
यदि रेलवे विभाग इस पुल को बंद करने में सफल हो जाता है, तो लोगों को वैकल्पिक मार्ग का सहारा लेना पड़ेगा, जिसकी दूरी कहीं अधिक है। इसके कारण मजबूरन पैदल यात्रियों को रेल पटरी पार करनी पड़ेगी, जो कि अत्यंत जोखिम भरा हो सकता है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाएगा।
चैड़ीकरण की मांग हुई थी, पर नहीं मिला समर्थन
पूर्व में रायपुर के गुढ़ियारी की तर्ज पर इस पुल के चैड़ीकरण की मांग उठाई गई थी। हालांकि, कमजोर मुहिम और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह मांग ठंडे बस्ते में चली गई। अगर अब भी जनप्रतिनिधि इस विषय पर मौन रहते हैं, तो निश्चित ही यह निर्णय हजारों लोगों के लिए मुसीबत बन जाएगा। रेलवे विभाग के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ स्थानीय निवासियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि कब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहते हैं और क्या इसे सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या नहीं।