रायगढ़। रायगढ़ में खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) से जिले को 160 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। दिसंबर 2023 खनिज न्यास निधि से 90 करोड़ 63 लाख रुपए मिला है। जनवरी से मार्च तक सबसे अधिक कोयले का प्रोडक्शन होता है, इसी बीच में ही कोयले प्रोडक्शन से करीब इसी तीन माह में करीब 70 करोड़ रुपए और मिलने का अनुमान जताया गया है। रायगढ़ से जो खनिज न्यास निधि से जो राशि मिलता है उसमें सारंगढ़ और महासमुंद जिले को भी डीएमएफ से हिस्सेदारी दी जाएगी।
2022-23 में 147 करोड रुपए खनिज न्यास निधि से मिली थी –
दिसंबर 2023 तक 90 करोड 63 लाख रुपए डीएमएफ फंड से मिल है। जनवरी से मार्च तक इन 3 माह चुका में करीब 70 करोड़ से अधिक रकम मिलने का अनुमान है, इस बार करीब 160 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। लेकिन रायगढ़ को खनिज न्यास निधि से लगभग 96 करोड रुपए मिलेंगे, जिसमें खनन क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों में भी काम होगे ।
इसमें खासकर खनन क्षेत्र इलाकों में विकास से जुड़े काम को प्राथमिकता दिया जाता है, इसके आसपास इलाकों में भी इस फंड से खर्च किया जाना है। जिसमें शिक्षा अधोरसंरचना, स्वरोजगार जैसे कई क्षेत्र में इस बजट का इस्तेमाल होता है, हालांकि प्रदेश में नई बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस फंड में नए सिरे से नई रोडपेम में काम किया जाना है। कहा जा रहा हैं कि लोकसभा चुनाव के आचार संहिता हटने के बाद नई कार्ययोजना बनाकार काम होगा। मार्च-अप्रैल में खनिज न्यास निधि की शासी समिति की बैठक होनी है। लेकिन आचार संहिता की वजह से यह बैठक भी नहीं हो पाई है, यह बैठक भी अब जून – जुलाई में होंने की बात कही जा रही है।
जशपुर के बदले अब सारंगढ़ को देना होगा रायगढ़ से हिस्सा
रायगढ़ से खनिज न्यास निधि से जो कुल राशि मिलती है, उसमें पिछले साल तक जशपुर और महासमुंद को हिस्सा दिया जाता था। जो दोनों जिलो को 15-15 फीसदी राशि खर्च किया जाता था, अब सरकार ने नया निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया हैं कि रायगढ़ से खनिज न्यास निधि से नए जिले सारंगढ़ – बिलाईगढ़ और महासमुंद को इसकी हिस्सेदारी दी जानी है. जिसमें दोनो जिलों को 20-20 (कुल 40) फीसदी राशि दी जानी है। रायगढ़ को खनिज न्यास निधि से सबसे अधिक रकम 60 फीसदी राशि मिलेगा। इस वर्ष से इसका बंटवारा होगा। इस साल सरकार ने डीएमएफ से दोनो जिलो को 5-5 फीसदी राशि अधिक मिलेगे।
एसईसीएल ने कहा- 10 फीसदी कोल प्रोडक्शन अधिक हुआ
सोमवार को एसईसीएल ने विज्ञप्ति जारी में इस साल 10 फीसदी कोल प्रोडक्शन कर बताया गया हैं कि पिछले साल की तुलना रायगढ़ क्षेत्र में अधिक हुआ है। पिछले साल जो इस साल बढ़कर वह 14.47 मीलियन टन 13.16 मीलियन टन कोल प्रोडक्शन हुआ था, कोयले का प्रोडक्शन हो गया है। यदि 15मीलियन टन प्रोडक्शन होता तो मेगा प्रोडक्शन की श्रेणी में आता। अभी जामपाली, खदान बरौद, बिजारी, जामपाली, छाल बरौद – छाल में एसईसीएल कोल माइंस है।