शाम 7 बजे के बाद सबसे ज्यादा होते हैं सड़क हादसे
यहां होते हैं सबसे ज्यादा हादसे, ब्लैक स्पॉट
रायगढ़ टॉप न्यूज 4 अप्रैल। आपको जिले की सड़कों में न सिर्फ बाइक या अन्य गाड़ियों में चलते समय सतर्क रहना है, बल्कि पैदल घूमते समय भी अपनी जान की चिंता करनी होगी। सड़क सुरक्षा समिति की रिपोर्ट चौंकाने वाली है कि प्रदेश में होने वाले हादसों में हमारा जिला चौथे नंबर पर है। यहां पिछले तीन सालों में 1734 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें 917 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 1305 लोग घायल भी हुए हैं।
रविवार रात भी एक ट्रक चालक ने डूमरमुड़ा के पास सड़क किनारे नास्ता कर रहे दो युवकों को ट्रक ने चढ़ा दिया तो उसकी मौत हो गई। वहीं एक अन्य हादसे में एक युवक की मौत हुई थी। हादसे में मरने वालों में एक पुलिस का आरक्षक भी है। इस साल के पहले तीन माह में ही जिले में 179 सड़क हादसे हो चुके हैं। इसमें 101 लोगों की जान जा चुकी है।
सड़क हादसे लगातार जिले में हो रहे हैं, पहले सड़कें खराब थी तो हादसे होते थे, अब अच्छी सड़कों में लोग तय स्पीड से अधिक तेजी से वाहन चलाने लगते हैं, इसलिए गाड़ियां अनियंत्रित हो रही हैं और जानलेवा हादसे हो रहे हैं। नेशनल हाइवे में सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। रायगढ़ से सराईपाली और खरसिया जाने वाली हाईवे की सड़कों में अधिक दुर्घटनाएं होने के कारण यहां ब्लैक स्पॉट अधिक है। इन हादसों में किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया तो किसी ने अपना बेटा खो दिया। किसी बहन का भाई तो किसी ने अपने करीबी रिश्तेदार को खोया।
रविवार रात दो अलग-अलग सड़क हादसे में तीन मौतें
रविवार की रात कोतवाली थाने में पदस्थ आरक्षक रूपलाल पटेल (35) ड्यूटी करने के बाद अपने गांव जतरी जा रहे थे। रायगढ़-चन्द्रपुर नेशनल हाईवे में जतरी से 3 किलोमीटर पहले उन्हें किसी अज्ञात वाहन के चालक ने ठोकर मार दी थी, जिससे वे सड़क किनारे घायल अवस्था में पड़े थे। लोगों ने घायल देख डायल 112 को सूचना दी। घायल आरक्षक को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। दूसरी घटना में रविवार रात साढ़े 9 बजे प्रफुल्ल यादव और उसके दोस्त तिलकधारी बाइक से गांव में घूमने के लिए निकले थे। दोनों युवक गांव के सड़क किनारे खड़े हुए थे। अज्ञात ट्रक चालक ने दोनों को ठोकर मार दी। इसमें गंभीर चोंटे आने के बाद कुछ समय बाद वहीं पर ही दोनों की मौत हो गई।
शाम 7 बजे के बाद सबसे ज्यादा होते हैं सड़क हादसे
सड़क सुरक्षा समिति की मॉनिटरिंग में जो बातें सामने आई है, उसमें शाम 7 बजे के बाद सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं। इसमें 39 हादसे में 19 लोगों की मौत और 40 लोग घायल हुए हैं। रात 8 से 9 बजे के बीच में 31 हादसे में 16 मौत और 20 लोग घायल हुए हैं।
लैलूंगा में सोमवार की सुबह प्याज से भरा ट्रक पेड़ से टकरा कर पलट गया। हादसे में ड्राइवर की मौत हो गई। ट्युरक के केबिन में बैठे दो अन्य युवक घायल हो गए, जिसे लैलूंगा अस्पताल में भर्ती कराया है। पाकरगांव निवासी ट्रक ड्राइवर अनूप सिदार (25) पुणे से प्याज लेकर रांची जा रहा था। लैलूंगा के पास ट्रक पेड़ से टकराकर सड़क किनारे पलट गया, जिससे उसमें भरा प्याज भी बिखर गया। चालक और खलासी सहित 3 लोग केबिन में फंसे रहे। ट्रक ड्राइवर अनूप सिदार की मौके पर ही मौत हो गई है, मंडईपारा निवासी मितेश साहू और बसंत सिदार घायल हो गए। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ग्रामीणों ने बसंत सिदार पिता बालकराम (35 वर्ष) के साथ 2 लोगों को निकालने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने 112 को बुलाया गया। क्षतिग्रस्त केबिन को कटर से काटते हुए रेस्क्यू किया गया। तब कहीं जाकर अंदर फंसे तीनों घायलों को पुलिस बाहर निकाल सकी।
यहां हादसे ज्यादा, ब्लैक स्पॉट
सड़क हादसों में रायगढ़- तमनार- घरघोड़ा से रायगढ़ और खरसिया से रायगढ़, इधर रायगढ़ से सारंगढ़ जाने वाली सड़क हादसे अधिक हुए हैं। ट्रैफिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा हादसे पतरापाली, गढ़उमरिया, दर्रामुड़ा, नेतनागर, पटेलपाली, कोड़ातराई में हुए। इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हांकित किया गया है। ग्रामीण इलाकों में स्टेट हाइवे में सिसिरिंगा घाट, कंचनपुर, फगुरम, दर्रीपारा में हादसे अधिक हुए हैं।
न्यूज साभार दैनिक भास्कर