महिला ने पुलिस से कहा हादसे को देख घबराहट में डरकर भाग गई थी
कारोबारी परिवार ने इसे हादसा माना, महिला के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ा
मीडिल क्लास फैमली से जुड़ी महिला ने मृतक कारोबारी के परिजनों के समक्ष हर सवालों को किया स्पष्ट
रायगढ़ । बुधवार सुबह केलो नदी में डूबी कार से शहर के बड़े कारोबारी नटवर अग्रवाल का शव बरामद करने के बाद अग्रवाल के साथ कार में जो महिला थी उसे पुलिस ने गुरुवार को चक्रधर नगर थाना बुलाकर पूछताछ की और उसका बयान लिया । इसके साथ नटवर के परिजनों को भी थाने बुलाया गया। परिजनों के सामने में उस महिला को बैठाकर बातचीत कराया गया है। इसके बाद परिजन उस महिला की बातों से संतुष्ट हुए है। चक्रधर नगर थाने के टीआई ने कहा कि इस मामले में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आ पाई है, हालांकि इस मामले में गुत्थी सुलझा लेने की बात कही जा रही है।प्रतिष्ठित परिवार से जुड़ा मामला था इसलिए महिला के आमने सामने बैठाकर बातचीत कराई गई है।
महिला बोली डर से भाग गई थी
इधर पुलिस ने जब महिला से कड़ाई से पूछताछ की और पूछा कि जब कार डूब रही थी तो वह खुद तैर कर मुख्य सड़क में आने के बाद क्यों भाग खड़ी हुई। इस मामले में महिला का बयान था कि इस घटना के बाद वह काफी ज्यादा डरी हुई थी, और डर कर वह अपने घर भाग जाना मुनासिब समझी, और किसी को कुछ नहीं कही। हालांकि इस मामले में पुलिस ने महिला और उनके परिजनों से करीब दो घंटे बयान लिया है। इस महिला की पूरी मोबाइल कॉलिंग हिस्ट्री को इस घटना के बाद बुधवार की देर शाम से पुलिस इसे निकालने में जुटी हुई थी, गुरुवार की सुबह मोबाइल सीडीआर पुलिस के हाथ लगी। जिसमें यह बात सामने आई कि नटवर ने मंगलवार की दोपहर से लेकर शाम तक अलग अलग टाइमिंग बातचीत की थी। उसी नंबर के आधार पर पुलिस उस महिला को पकड़ी और उसे थाने में बुलाया।
डूबते कार में नटवर ने सहायता मांगी
पुलिस को दिए बयान में यह बात सामने आई है कि डूबते हुए कार में नटवर अग्रवाल जब काफी ज्यादा डूब गए। तब महिला के साथ वहां मौजूद चश्मदीदों से सहायता भी मांगी। लेकिन कार काफी ज्यादा डूब चुकी थी, अग्रवाल को नहीं बचाया जा सका। पुलिस ने वहां मौजूद चश्मदीदों के साथ वहां आसपास इलाकों खड़े लोगों का भी बयान दर्ज किया है। इसमें मृतक के परिजनों ने कोर्ई कार्रवाई ना करने की बात कही है।
इस मामले में अभी जांच चल रही है
चक्रधर नगर थाने के टीआई प्रशांत राव अहेर ने बताया कि चूंकि पीडि़त परिवार द्वारा महिला से बातचीत की गई है। वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं एवं महिला नाम और पहचान देना कानून के अनुसार उचित नहीं है। इस मामले में अपराध नहीं बनता है।