Raigarh News: ओपीजेयू ने सफलतापूर्वक आयोजित किया IEEE-प्रायोजित तीन दिवसीय वैश्विक टेक्नोलॉजिकल सम्मेलन ओटीसीओं 4.0

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ओपीजेयू में तकनीक और नवाचार का तीन दिवसीय जश्न-स्मार्ट कंप्यूटिंग फॉर इन्नोवेशन एंड एडवांसमेंट इन इंडस्ट्री 5.0″ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रौ‌द्योगिकी सम्मेलन, सफलतापूर्वक संपन्न













रायगढ़, 11 अप्रैल 2025। ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ ‌द्वारा आईईईई प्रायोजित “स्मार्ट कंप्यूटिंग फॉर इन्नोवेशन एंड एडवांसमेंट इन इंडस्ट्री 5.0′ विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (ओटीसीओं 4.0) का आयोजन 9 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 के दौरान किया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (आईईईई) द्वारा प्रायोजित इस चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन हाइब्रिड (फिजिकल एवं वर्चुअल दोनों) माध्यम से किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का उ‌द्देश्य दुनिया भर के उ‌द्योग और शिक्षा के शोधकर्ताओं, शासकीय प्रतिनिधियों, उ‌द्योगों और कॉपरिट जगत से शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं तथा सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साझा मंच प्रदान करना; और इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग, संचार और नेटवर्किंग, नवीकरणीय ऊर्जा और आईओटी के बहुआयामी क्षेत्र में अपने-अपने शोध, निष्कर्ष और परिणामो को सभी के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करना था, जिससे सतत विकास की सभी संभावनाओं की तलाश की जा सके। सम्मेलन में दुनिया भर से शामिल हुए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों, विद्वानों, उ‌द्योग कर्मियों और शिक्षाविदों को उभरती हुई प्रौ‌द्योगिकियों के क्षेत्र में अपने मूल शोध कार्यों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला और प्रतिभागियों को नवीनतम शोध कार्यों के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ।

 

सम्मेलन के प्रथम दिन 9 अप्रैल विश्विद्यालय के पूंजीपथरा परिसर के सभागार में आयोजित उ‌द्घाटन समारोह में डॉ आर. डी. पाटीदार कुलपति, ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ ने अभी अतिथियों का स्वागत किया और सम्मलेन के उ‌द्देश्यों एवं अन्य जानकारियों को सभी के साथ साझा किया। डॉ पाटीदार ने बताया की सम्मेलन नवीन प्रौ‌द्योगिकी के क्षेत्रों में विकास से संबन्धित दुनिया भर के शिक्षाविदों शोधकर्ताओं, उ‌द्योगपतियों और अन्य संबंधितों को एक मंच पर लाना, उ‌द्योग और शिक्षा के बीच की खाई को पाटना; और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श तथा उनके चिंतन करने के बाद एक सार्थक योजना के निर्माण की पहल करना; तथा संबन्धित अनुसन्धान एवं ज्ञान को एक-दूसरे से साझा करने के लिए अवसर प्रदान करना है, और प्राप्त शोध पत्रों एवं उच्च कोटि के वि‌द्वानों की उपस्थिति यह बताती है की अपने इस उ‌द्देश्य की प्राप्ति में इस सम्मलेन ने सफल मुकाम प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी कहा की सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए एक मजबूत अनुसंधान नेटवर्क बनाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच है, जिससे सभी प्रतिभागियों को नवीन प्रौ‌द्योगिकी सीखने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। इंडस्ट्री 5.0 केवल तकनीकी प्रगति का युग नहीं है, बल्कि यह मानवता और मशीन के बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग की एक नई शुरुआत है। इस नवयुग में स्मार्ट कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी अत्याधुनिक तकनीके उ‌द्योगों को न केवल अधिक प्रभावशाली बना रही हैं, बल्कि उन्हें समावेशी और सतत विकास की दिशा में भी ले जा रही हैं, और इस सम्मेलन का उ‌द्देश्य इन्हीं तकनीकों के माध्यम से नवाचार, रचनात्मकता और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना है। उन्होंने सभी सहभागियों से आह्वान किया कि वे इस सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लें, अपने विचार साझा करें और मिलकर उस भविष्य की ओर कदम बढ़ाएँ, जहाँ स्मार्ट तकनीक और इंडस्ट्री 5.0 के ज़रिए एक बेहतर और उज्जवल समाज का निर्माण हो सके।

 

उ‌द्घाटन सत्र में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों प्रो. जी. एस. तोमर (चेयरमैन-आई ईईई, एम. पी. सेक्सन), डॉ. एन.वी. रमना राव (निदेशक, एनआईटी, रायपुर), डॉ. संतोष विश्वकर्मा (प्रोफेसर, आईआईटी इंदौर ने अपने-अपने विचार सभी के साथ साझा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. लॉरेस शॉल (अध्यक्ष, न्यू इंग्लैंड कमीशन ऑफ हायर एजुकेशन एनईसीएचई) ने विश्वविद्यालय की प्रसंशा करते हुए कहा की मैं इस सुदूर क्षेत्र में समाज सेवा के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों से वास्तव में प्रभावित हूँ। यह स्पष्ट है कि केवल दृढ़ प्रतिबद्धता और समर्पण ही किसी भी संस्थान को ऐसा गौरव दिला सकता है, और मैं अकादमिक उत्कृष्टता के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए ओपीजेयू टीम को बधाई देता हूँ। उन्होंने अपने प्रेरणास्पद उद्बोधन से सभी का मार्गदर्शन करते हुए सतत विकास की आवश्यकता और सतत विकास के महत्त्व को रेखांकित किया एवं इसके लिए आवश्यक सही दिशा में कार्य करने और सभी को मिलकर एक साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। डॉ लॉरेंस ने कहा की, “विकास की यात्रा विचारों के आदान-प्रदान से शुरू होती है, और यहीं पर इस तरह के सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं – जहाँ वि‌द्वान और विशेषज्ञ एक बेहतर, अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए योजनाओं और प्रक्रियाओं को आकार देने के लिए एक साथ आते हैं। आइए हम सहयोग करने और प्रौ‌द्योगिकी के भविष्य को आगे बढ़ाने के इस अवसर का लाभ उठाएँ।” उ‌द्घाटन समारोह के दौरान सम्मलेन की स्मारिका का विमोचन भी सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया। अंत में सम्मलेन के संयोजक डॉ भूपेश देवांगन ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सम्मेलन में तीन दिनों के दौरान कीनोट सेशंस, इन्वाइटेड टॉक सेशंस एवं 35 टेक्नीकल सेशंस आयोजित किये गए जिसमे दुनिया भर के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने सम्मलेन के मूल विषय पर अपने विचार और अपने शोध कार्यों को सभी प्रतिभागियों के साथ साझा किया। कीनोट सेशंस के प्रमुख वक्ताओं-डॉ. जीएस तोमर (अध्यक्ष, आईईईई एमपी सेक्शन), डॉ. संतोष विश्वकर्मा (प्रोफेसर, आईआईटी इंदौर), डॉ. टी. पी. सिंह (डीन, एसओसीएस, बेनेट यूनिवर्सिटी), डॉ. नितिन राकेश (निदेशक, एसआईटी, नागपुर), डॉ. मनोज चौबे (प्रोफेसर, सीएसई, जीजीवी, बिलासपुर), डॉ. दिलीप सिंह सिसोदिया (एसोसिएट प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर) एवं डॉ. देवेंद्र मुदुली (एसोसिएट प्रोफेसर, सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर) आदि ने सम्मेलन को सम्बोधित किया। सम्मेलन में कुल 35 तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए जिसमे 442 शोधपत्रों का वाचन एवं प्रस्तुतितीकरण किये गए; और 35 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया। सम्मेलन में तीन दिनों के दौरान एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और 10ट द्वारा संचालित स्मार्ट कंप्यूटिंग में प्रगति एवं उ‌द्योग 5.0 युग में नवीन एवं उभरती हुई तकनीकों एवं सतत विकास से सम्बंधित ज्वलंत विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। व्याख्यानों के दौरान प्रतिभागियों द्वारा पूंछे गए प्रश्नो के संतोषजनक उत्तर भी वक्ताओं द्वारा दिए गए।

11 अप्रैल 2025 को सम्मलेन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. जीएस तोमर (अध्यक्ष, आईईईई एमपी सेक्शन) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ नितिन राकेश (डाइरेक्टर- एसआईटी, नागपुर) उपस्थित रहे। विश्ववि‌द्यालय के कुलपति एवं सम्मेलन के चेयरमैन डॉ. आर. डी. पाटीदार ने अपने सम्बोधन में ओपीजेयू परिवार की ओर से इस सम्मेलन से जुड़े सभी विशेषज्ञों, वक्ताओं, शोधकर्ताओं, और विशेषकर आईईईई जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से यह आयोजन भव्य और सफल बन सका। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कहा की आपके विचार, आपकी सोच और आपके प्रयास ही वह बीज हैं, जिनसे भविष्य का समाज और उ‌द्योग आकार लेगा। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे भविष्य की ओर कदम बढ़ाएँ, जहाँ तकनीक का हर उपयोग मानवीय कल्याण की दिशा में हो। सभी अतिथियों ने ओ.पी. जिंदल

विश्ववि‌द्यालय, रायगढ़ और सम्मलेन के आयोजकों को अत्यधिक आवश्यक विषय पर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दिया और सतत विकास में इसके योगदान को रेखांकित किया। सम्मेलन के संयोजक डॉ. भूपेश देवांगन ने सम्मलेन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया; और सत्र के अंत में डॉ आशीष शर्मा, वाईस डीन एवं विभागाध्यक्ष-कंप्यूटर साइंस एन्ड इंजीनियरिंग ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, प्रख्यात वक्ताओं एवं आयोजन दल के सदस्यों, के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।





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