रायगढ़ टॉप न्यूज 18 अक्टूबर 2023। रायगढ़ जिले की धरमजयगढ़ विधानसभा के कई गांव एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों की चपेट में हैं। इस वन परिक्षेत्र में जंगली हाथी व मानव के बीच द्वंद की कई घटनाएं सामने आ चुकी है। आए दिन जंगली हाथी जंगलों से निकलकर ग्रामीण किसानों की खेतों में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाते हुए वापस जंगल की ओर चले जाते हैं। ताजा घटनाक्रम में धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में गजराजों ने एक ही रात में दो दर्जन से अधिक किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहंुचाया है जिसके कारण अंचल के किसानों के चेहरों पर चिंता के बादल मंडराने लगे हैं।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक धान की फसल लगभग पकने के कगार पर पहुंच चुकी है। धान की फसल से बीज निकल चुके हैं जिसकी खूशबू पाकर लगातार जंगली हाथियों का दल खेतों की ओर रूख करने लगे है। यही कारण है कि रोजाना जंगली हाथियों का दल किसानों की खेतों में पहुंचकर धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। बीती रात सिसरिंगा में जंगली हाथियों ने 10 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया, बताती में 09 किसानों के अलावा हाटी में 06 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया गया है। कुल मिलाकर एक ही रात में जंगली हाथियों से 25 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के कई किसान ऐसे भी जो जंगली हाथियों से अपनी फसलों को बचाने के लिये झटका मशीन का उपयोग करते हैं ताकि जंगली हाथी जब उनके खेतों में धान की फसल को खाने पहुंचते है तब तार के संपर्क में आते ही हल्का सा हटका लगने पर जंगली हाथी वापस भाग जाते हैं इस झटका मशीन से जंगली हाथियों को किसी प्रकार की कोई हानि नही होती।
जिले में 118 जंगली हाथी कर रहे विचरण
इन दिनों वन मंडल धरमजयगढ़ के धरमजयगढ़ में ही 33 जंगली हाथी, बताती में 35, सोखामुड़ा में 09, छाल रेंज के हाटी में 22, लोटान में 10 के अलावा अलग-अलग रेंज में जंगली हाथियों मौजूदगी है। इसमें 37 नर, 48 मादा के अलावा 29 बच्चा शामिल है। वहीं रायगढ़ वन परिक्षेत्र में भी इन दिनों 04 जंगली हाथी विचरण कर रहे है। कुल मिलाकर रायगढ़ जिले में अभी वर्तमान के दिनों में 118 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं।
गांव-गांव में कराई जा रही मुनादी
वन विभाग के अनुसार बाकारूमा परिक्षेत्र कटाईपाली परिसर से 02 हाथी रायगढ़ वन मंडल घरघोडा परिसर की ओर चला गया है। हाथी विचरण क्षेत्रों में जंगली हाथी ट्रैकिंग दल के द्वारा गांव-गांव में मुनादी कराने के अलावा प्रसार-प्रसार किया जा रहा है। ताकि जंगली हाथी और मानव के बीच जारी द्वंद्व को रोका जा सके।