रायगढ़ टॉप न्यूज 22 जून। आज सुबह से रायगढ़ का दिन अत्यधिक गर्म दिन था और बादलों के आसार कहीं नजर नहीं आ रहे थे , गर्मी अपनी चरम सीमा पर थी, सभी प्राणी,पशु पक्षी बहुत ब्याकुल हो रहे थे , बारिश के आसार कहीं नजर नहीं आ रहे थे। परंपरागत रूप से आज तृतीया की संध्या महाप्रभु जगन्नाथ नगर भ्रमण के लिए निकलना था , सुबह से मुख्य मंदिर में इसके लिए आवश्यक तैयारियां चल रही थी, उड़िसा से कीर्तन मंडलीयों को बुलाया गया था,रथ को पूर्ण रूप से सुसज्जित कर भ्रमण के लिए तैयार किया जा रहा था और संध्या 5 बजे सभी कीर्तन मंडली के आ जाने के पश्चात बाजे गाजे शंख घंट के साथ रथयात्रा अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ने लगा। इस वर्ष रथ की साज सज्जा पुरी के आर्ट के अनुसार की गई थी।
चांदनी चौक पर महाप्रभु का स्वागत पूजन पं ब्रजेश्वर मिश्रा जी द्वारा किया गया तत्पश्चात वहां से कुछ ही दूर सोनार पारा में रथ के आगे आने के पश्चात एक जगह लगभग 1 घंटा से भी अधिक समय तक महाप्रभु का मुख्य रथ रूक गया क्योंकि इस मुख्य रथ के आगे चलने वाले रथ आगे नहीं बढ़ रहे थे, पिछले कई वर्षों से यह होता आया है कि इस जगह पर रथ को काफी देर तक रोक दिया जाता है । परन्तु आज भगवान की ऐसी कृपा हुई कि अचानक मौसम में परिवर्तन हो गया ,ठण्डी हवायें चलने लगी और काले बादलों ने आसमान को ढंक लिया और तेज बिजली कौंधते हुए बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बहुत तेज बारिश होने लगी ।
लोगों ने इतनी भीषण गर्मी से राहत पाकर झमाझम बारिश में झूम उठे और उल्लास से महाप्रभु जगन्नाथ के जयघोष करने लगे और मस्ती और आनंद में भीगते हुए आगे के रथों को जल्द आगे बढ़ने लगे जिससे मुख्य रथ अपने गंतव्य की ओर तेजी से बढ़ने लगा । यह महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा ही रही कि महाप्रभु के देवस्नान के पश्चात , आज पुनः तृतीया को रथ के कुछ दूर चलने के पश्चात ही जो असामान्य रूप से मौसम में परिवर्तन हो गया क्योंकि इस प्रकार की बारिश पिछले वर्ष भी इसी तृतीया की रात्रि को ही हुई थी , इस प्रकार अचानक झमाझम बारिश के कारण भीषण गर्मी से सभी प्राणियों, पशु-पक्षियों को राहत मिल गई और तापमान में अचानक गिरावट हो गई। भगवान जगन्नाथ बहुत दयालु हैं , और सदैव उनकी दया और कृपा सब पर बनी रहती है।