रायगढ़ टॉप न्यूज 4 जून । 4 जून रविवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को राजापारा रायगढ़ के मुख्य श्री जगन्नाथ मंदिर में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं महाप्रभु जगन्नाथ जी का पूर्ण स्नान हुआ। प्रातः काल 5 बजे मंदिर के गर्भगृह से तीनों विग्रहों को बाहर स्नान वेदी में लाया गया। सुबह 10 बजे मंदिर के मुख्य आचार्य एवं ट्रस्टी ब्रजेश्वर मिश्रा द्वारा 108 पवित्र औषधीय जल कुंभ जो कि महावीर हनुमान की अभिरक्षा में होते हैं ,में जल को तंत्र मंत्र द्वारा वैदिक रीतियों से अभिमंत्रित किया गया। तत्पश्चात 108 ब्राम्हणों द्वारा जो परंपरागत परिधान में ही रहते हैं , इन अभिमंत्रित कुंभ के जल से घड़ी घंट,शंख,करताल आदि वाद्ययंत्रों के मध्य भगवान को स्नान कराया गया। पश्चात भगवान को नवीन वस्त्र पहनाएं गये एवं कीर्तन और भजन के मध्य वेद मंत्रो के साथ भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए।इस वर्ष पूरे छप्पन भोग एवं भंडारे की ब्यवस्था समाज के लोकप्रिय प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ लोकेश षड़ंगी जी द्वारा की गई है।
संध्या 7 बजे ओडिसी गुरु श्री बेहरा एवं उनके शिष्यों द्वारा महाप्रभु जगन्नाथ के समक्ष ओडिसी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी। पश्चात भगवान 15 दिनों के लिए अनसर गृह मे चले जायेंगे , जहां भगवान अस्वस्थता में रहेंगे एवं इन दिनों मंदिर में भगवान के दर्शन नहीं होंगे। इन 15 दिनों में भगवान की सभी प्रकार से सेवा सुश्रुषा की जाती रहेगी , जिसमें प्रतिदिन उन्हें औषधियों का काढ़ा आदि का सेवन कराया जाता है। इन दिनों उन्हें भोजन भी बहुत सात्विक एवं सामान्य दिया जाता है। आज देवस्नान पूर्णिमा में भगवान के स्नान करने के पश्चात पृथ्वी का तापमान भी कम होना प्रारम्भ होने लगा एवं अब जल्द ही मानसूनी बादलों के भी देश में आना प्रारंभ हो जायेगा, क्योंकि सारा जगत तो उन्हीं में समाया हुआ है इसलिए उनके पूर्ण स्नान के पश्चात ही मौसम एवं प्रकृति में भी बदलाव होने प्रारंभ हो गये हैं। जोर जोर से बादल गरजने लगे एवं देखते ही देखते ऊपर छा गये तथा बारिश भी होना प्रारंभ हो गया।