Raigarh News: लात नाला गैंगरेप मामले में तीन आरोपियों को उम्र कैद, अदालत ने एक-एक लाख का जुर्माना भी ठोंका

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रायगढ़। चंद्रपुर लात नाला के पास हुए गैंगरेप के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण के विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार जैन ने आज फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक उम्र कैद की सजा से दण्डित करने के अलावा तीनो आरोपियों को एक-एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। इस आदेश में 2 लाख रूपए पीड़िता को दिलाये जाने का भी आदेश पारित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि गत 08 नवंबर 2021 को चंद्रपुर लातनाला के पास हुए गैंगरेप के मामले में पीड़िता जिसे अदालत के निर्णय में अभियोक्त्री के नाम से संबोधित किया गया है। वह अपने दोस्त के साथ जो सुबह साढ़े 7 बजे नर्सिंग कोर्स करने डभरा से बस में बैठकर रायपुर के लिये रवाना हुआ था। ग्राम सपोस के पास अभियोक्त्री बस में चढ़कर अपने इस साथी के साथ बैठी वह अभियोक्त्री को रायगढ़ में उसके रिश्तेदार के यहां छोड़कर टेªन से रायपुर के लिये रवाना होनें वाला था। लेकिन दोनों आपसी रजामंदी से सुबह 9 बजे चंद्रपुर बस स्टैण्ड में उतर गए और आसपास घुमते हुए चंद्रहासिनी मंदिर और पुल को पार कर लात नाला चैक के पास पहुंचे। जहां होटल वाले से उन्होंने लात नाला पहाड़ी के पास स्थित शनिमंदिर के संबंध में जानकारी ली और लातनाला पार कर पहाडी के पास रोड से 50 मीटर अंदर टेकरी झाडी में जाकर बातचीत करने लगे। इसी दौरान साढ़े 10 और 11 बजे के बीच तीन अंजान व्यक्ति उनके पास आकर दोनों को अश्लील गाली देने लगे, जान से मारने की धमकी दी और हाथ मुक्के व जंगली झाड़ी से मारपीट करने लगे। अभियोक्त्री के दोस्त के द्वारा विरोध करने पर तीनों ने मिलकर उसके हाथ को एक गमछे से बांध दिया और जेब में नगदी रकम एक हजार रूपये तथा अभियोक्त्री जो कि अनुसूचिज जाति वर्ग से थी उसे जातिगत गाली गलौज देते हुए उसका मोबाईल लूटने के बाद उसे गलत नीयत से खींचते हुए अपहरण कर पहाडी की ओर ले गए जहां दो लोगों ने पहले अभियोक्त्री के साथ अनाचार किया इसी बीच वहां एक अन्य आरोपी भी आ धमका और बाद में उन दोनों लोगों ने भी अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटनाकारित करने के बाद आरोपीगण अभियोक्त्री का मोबाईल व नगदी रकम लेकर मौके से फरार हो गए। कई घंटे बीत जाने के बाद शाम करीब पांच बजे अभियोक्त्री का साथी किसी तरह बंधन मुक्त होकर पहाड़ी पर पहुंचा और अभियोक्त्री को न पाकर लात नाला चैक वापस आकर अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी और सरिया थाने में आकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद सरिया पुलिस पीडिता अभियोक्त्री की पतासाजी में जुट गई। पुलिस की पतासाजी के दौरान दूसरे दिन दोपहर करीब साढ़े 12 बजे इस घटना में शामिल आरोपियों संजय सारथी पिता स्व. छोटेलाल सारथी 35 साल, निवासी चंद्रपुर, जांजगीर चांपा, प्रदीप महंत पिता दुलार दास महंत 26 साल, निवासी पुटकापुरी पुसौर, सोनु उर्फ संदीप सोनवानी पिता स्व. पत्थरलाल सोनवानी 36 साल निवासी आदर्शनगर चमडागोदाम चंद्रपुर के कब्जे से अभियोक्त्री को पुलिस ने बरामद किया। इस दौरान अभियोक्त्री ने उसके साथ चार लोगों द्वारा अनाचार किये जाने की शिकायत की जिसके बाद चैथे आरोपी के रूप में खीरेन्द्र साहू उर्फ ओडिया को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। उक्त मामला पिछले कुछ सालों के दौरान उपार्पण पश्चात अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश जीतेन्द्र कुमार जैन की अदालत में पहुंचा इसी बीच इनमें एक आरोपी खीरेन्द्र साहू की मृत्यु हो गई जिसके कारण इस घटना से जुड़े तीन आरोपी ही बचे रह गए। विद्वान न्यायाधीश ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात इस मामले में आरोपीगण को धारा 294,506,323, 342, 394, 365 व 376 डी तथा अजजा निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) (5) का दोषी करार देते हुए अलग-अलग धाराओं में तीनों आरोपियों को पूरे प्राकृतिक जीवन तक उम्र कैद की सजा तथा एक-एक लाख रूपए का जुर्माना लगाया है। इस आदेश में 2 लाख रूपए पीड़िता को दिलाये जाने का भी आदेश पारित किया है। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की।

























































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