रायगढ़ टॉप न्यूज 15 मार्च 2024। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिला रायगढ़ के टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं निक्षय मित्र बने औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया। इस क्रम में जेएसपी फाउंडेशन का सम्मान करते हुए जिला कलेक्टर ने रायगढ़ विकासखंड के टीबी पीड़ितों को उपलब्ध कराये जा रहे पोषण आहार फूड बास्केट की सराहना की और आगे भी इस दायित्व के निर्वहन की अपेक्षा जताई। इस अवसर पर कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने टीबी पीड़ितों के लिए जेएसपी फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे पोषण आहार फ़ूड बास्केट का वितरण करते हुए उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
जिला कलेक्ट्रोरेट स्थित सृजन कक्ष में टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं निक्षय मित्र बने औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए जिला कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कहा रायगढ़ जिले को टीबी मुक्त बनाना है और इस कार्य में सभी का सहयोग जरुरी है। उन्होंने कहा की इस अभियान में हमें मिलकर काम करना होगा, तभी सफलता हासिल कर पाएंगे। इस अभियान में स्वतः आगे आकर सहयोग कर रहे औद्योगिक इकाइयों के साथ जेएसपी फाउंडेशन को बधाई देते हुए सम्मानित किया गया। कलेक्टर के हाथों ये सम्मान जिंदल स्टील एन्ड पावर के सीएसआर विभाग के प्रभारी जितेन्द्र सिंह घई ने ग्रहण किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सीईओ जिला पंचायत जितेंद्र यादव, जिला सीएमएचओ डॉ आरएन मण्डावी, एसडीएम संतन देवी जांगड़े, जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ जया कुमारी चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक रंजना पैंकरा व जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सञ्चालन तरुण बघेल ने किया।
जेएसपी फाउंडेशन द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में निक्षय मित्र बनने के उपरांत प्रथम चरण में 6 माह तक 16 जाँच केंद्रों के माध्यम से 374 टीबी पीड़ितों को पोषण आहार फ़ूड बास्केट का वितरण किया जा चूका है। अब इसके दूसरे चरण में पुनः नए टीबी पीड़ितों न्यूट्रीशियन सपोर्ट देने तालिका के अनुरूप फ़ूड बास्केट में दूध पावडर, तेल, दाल, चावल 6 माह तक प्रदाय किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस क्रम में कोई भी व्यक्ति अथवा संस्थान निक्षय मित्र अर्थात डोनर बनकर टीबी पीड़ितों को पोषण आहार उपलब्ध करा सकता है। पीड़ितों को पोषण आहार के साथ साथ दवा का सेवन भी जरुरी है, तभी क्षय रोग से उपचार संभव है।