आयोजन में पद्मश्री श्रीनिवास उद्गाता, पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, पद्मश्री हलधर नाग की रहेगी उपस्थिति
चार विश्वविद्यालयों के कुलपति भी होंगे शामिल
अमेरिकज़ नार्वे, कनाडा, बुल्गारिया के विद्वान होंगे सम्मिलित
देश के महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उड़ीसा समेत सभी राज्यों से प्रतिभागी होंगे शामिल
रायगढ़ टॉप न्यूज 20 फरवरी। किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आगामी 24 एवं 25 फरवरी को “छायावादोत्तर हिंदी कविता : रचनात्मक प्रतिबद्धता और सार्थकता” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश विदेश के प्रतिष्ठित विद्वानों की सहभागिता रहेगी। कार्यक्रम में अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की उपस्थिति होगी एवं देश के अनेक राज्यों से प्रतिष्ठित साहित्यकारों की विशेष उपस्थिति होगी। यह कार्यक्रम ऑफ़लाइन एवं ऑनलाइन दोनों मोड़ में आयोजित होगा। कार्यक्रम के संयोजक हिंदी विभागाध्यक्ष एवं शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ के हिंदी विभाग अध्ययन मंडल अध्यक्ष डॉ. मीनकेतन प्रधान ने बताया कि प्रथम दिवस पर 24 फरवरी को कार्यक्रम के दौरान पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. केसरी लाल वर्मा, प्रतिष्ठित साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, देहरादून उत्तराखंड, पद्मश्री श्रीनिवास उद्गाता, बलांगीर उड़ीसा, पदमश्री हलधार नाग, बरगढ़ उड़ीसा, रायगढ़ कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा, ओ. पी. जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति डॉ. आर. डी. पाटीदार एवं शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति डॉ. ललित प्रकाश पटेरिया की गरिमामय उपस्थिति रहेगी। प्रथम दिवस उद्घाटन एवं अकादमिक सत्र की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग, रायपुर के पूर्व अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर विनय कुमार पाठक द्वारा की जाएगी। इनके अलावा प्रवासी साहित्यकार के रूप में अमेरिका से डॉ. अनीता कपूर, कनाडा से डॉ. स्नेह ठाकुर, केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली से सहायक निदेशक डॉ. दीपक पांडे, अंचल के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं आयोजक संस्थान के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. बिहारी लाल साहू विभाग के पूर्व प्राध्यापक एवं अध्यक्ष प्रो. मेदनी प्रसाद नायक, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग से कला संकाय के डीन एवं हिंदी के प्रतिष्ठित प्राध्यापक डॉ. अभिनेष सुराना, बस्तर विश्वविद्यालय अध्ययन मंडल के अध्यक्ष डॉक्टर राम प्रसाद टंडन, आंध्र प्रदेश से श्री लिंगम चिरंजीव राव की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ. मीनकेतन प्रधान द्वारा संपादित ग्रंथ “छायावाद के 100 वर्ष और पंडित मुकुटधर पांडेय” साथ ही अन्य ग्रंथों, पुस्तकों का विमोचन होगा। तत्पश्चात साहित्यकार सम्मान समारोह सम्पन्न होगा। इसके उपरांत विभिन्न विद्वानों के वक्तव्य होंगे।
दूसरे दिन के कार्यक्रम में देश विदेश से सहभागिता करने वाले प्रमुख साहित्यकारों में नार्वे से डॉ. सुरेशचंद्र शुक्ल, लखनऊ से डॉ. करुणा पांडेय, अगरतला विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार मिश्र, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. रामनारायण पटेल, केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली की सहायक निदेशक डॉ. नूतन पांडेय, मराठा महाविद्यालय, जलगांव महाराष्ट्र से डॉ. राहुल भागवत सदाशिव, विभागाध्यक्ष हिंदी, बिलासा शासकीय कन्या महाविद्यालय, बिलासपुर से डॉ. अंजली शर्मा एवं शासकीय महाविद्यालय भाठागांव, रायपुर के प्राचार्य डॉ राजेश दुबे की गरिमामयी सहभागिता रहेगी।
कार्यक्रम पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम, रायगढ़ में आयोजित होगा। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. अंजनी कुमार तिवारी ने इस कार्यक्रम को अंचल के साहित्यिक कार्यक्रमों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में रेखांकित करते हुए आयोजक मंडल को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
आयोजक मंडल के संयोजक डॉ. मीनकेतन प्रधान के अलावा सदस्य सह विभाग के प्राध्यापक डॉ. रवींद्र कौर चौबे, सुश्री लखेश्वरी चौबे, श्री उत्तरा कुमार सिदार, श्री सौरभ सराफ सहित विभाग से जुड़े हुए पूर्व छात्र छात्राओं एवं वर्तमान अध्येताओं नागेंद्र निषाद, परमानंद, सुधा शर्मा, वैभवलक्ष्मी पटेल, प्रियंका तिवारी, आँचल, अल्का, प्रेमा, अंजलि, रमा, शैलेन्द्र, नरहरी, अहिल्या, मोनिका, पुष्पांजलि, ज्योति, प्रीति, जयप्रकाश, पूनम, केतकी, कौशल, प्रसन्न, कैलाश की विशेष सक्रियता है। साथ ही कार्यक्रम की सफलता में प्रदेश के जीएसटी कमिश्नर श्री अजय पांडेय, छपरा बिहार से सहायक प्राध्यापक डॉ. बेठियार सिंह साहू, दिल्ली से डॉ. सुधांशु कुमार शुक्ला, प्रो. शिवानी शर्मा, डॉ. अर्चना झा, भिलाई, डॉ. शिवकुमार शर्मा रायपुर, डॉ. विद्या प्रधान, प्रोफ़ेसर आर. के. पटेल, डॉ. देवेंद्र शुक्ला, प्रोफेसर के. के. तिवारी सेवानिवृत्त प्राचार्य, डॉ. एस. पी. गुप्ता, प्रो. आर. के . पटेल, डॉ. आर. के. टंडन, अंचल के प्रतिष्ठित साहित्यकारों में श्री सनत, श्री बनवारी लाल देवांगन सहित महाविद्यालय परिवार के कर्मचारियों में जी. पी. जांगड़े, एस. पी. मेहरा, डी. एस. चंद्रा सहित अनेक शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की सहभागिता सिद्ध हो रही है। विशेष बात यह भी है कि इटली, जर्मनी, बुल्गारिया, अमेरिका के साथ देश के लगभग सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों की सहभागिता रहेगी। इस आयोजन की तैयारी में वर्तमान अध्येताओं के साथ ही पूर्व विद्यार्थियों में विशेष रुप से पुष्पांजलि दासे, रामकुमार बंजारे, राजीव कुमार गुप्ता, तुलसी पटेल, बेलमती पटेल, अंजली भटनागर, लक्ष्मण चौहान शिव कुमार पटेल, हरीश देवांगन, संग्राम सिंह निराला, निमाई प्रधान एवं तथागत सिंह सहित अनेक लोगों की सक्रिय भूमिका है।
उल्लेखनीय है कि छायावादोत्तर हिंदी कविता के विभिन्न सोपानों यथा- प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, अ कविता, नकेनवाद ,समकालीन कविता, दलित विमर्श, स्त्री विमर्श, किन्नर, दिव्यांग, कृषक, बाल, सांप्रदायिकता, कृकल इत्यादि विषयों से संबंधित कविताओं पर 2 दिनों तक मंथन होगा एवं उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता और सार्थकता की पड़ताल की जाएगी।
यह भी ध्यातव्य है कि पूर्व में विभाग द्वारा छायावाद के 100 वर्ष एवं पंडित मुकुटधर पांडे विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसे देश विदेश में उत्कृष्ट प्रतिसाद प्राप्त हुआ था और उस आयोजन से जुड़े विभिन्न विद्वज्जनों के द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र एवं लेख आलेख को एकत्रित कर डॉ. मीनकेतन प्रधान के संपादक में ग्रंथ रूप में प्रकाशित किया गया है तथा इसी की अगली कड़ी के रूप में वर्तमान कार्यक्रम संयोजित है। कार्यक्रम के अंतर्गत यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्य विषय के अंतर्गत उपविषय के रूप में छायावादोत्तर हिंदी कविता के विभिन्न सोपानों से संबंधित 30 विषय निर्धारित किए गए हैं तथा उनसे संबंधित लेख आलेख को एकत्रित कर भविष्य में ग्रंथ के रूप में प्रकाशित कराने की योजना है। आयोजन के संयोजक डॉ. मीनकेतन प्रधान ने इस कार्यक्रम में क्षेत्र के साहित्य प्रेमियों से अधिकाधिक संख्या में पधारने का आग्रह किया है और साहित्यिक प्रतिबद्धता के साथ समाज की बेहतरी की तलाश में सहभागी होने का निवेदन किया है।