Raigarh News: केलो है तो कल है.. हरेली तिहार से हरियाली प्रसार का आगाज, हरेली पर 17 जुलाई को 17 एकड़ में 1717 पेड़ लगाकर हुई वृहत वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत

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कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल, 1 हजार एकड़ में 5 लाख पौधे लगाने का अभियान शुरू
पर्यावरण को सहेजने की दिशा में जिला प्रशासन के साथ जनसमूह ने बढ़ाए कदम
राजीव युवा मितान क्लब का सहयोग
पौधों की सुरक्षा के साथ लोगों ने ली ‘केलो है तो कल है, की शपथ
रीपा में कार्यरत महिला उद्यमी ने बनाया पौधों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग

रायगढ़, 17 जुलाई 2023/ हरेली तिहार के अवसर पर आज 17 जुलाई केलो नदी के समीप तमनार ब्लॉक के मौहापाली में 17 एकड़ में 1717 पेड़ लगाकर जिले में वृहत वृक्षारोपण अभियान का आगाज हुआ। विधायक लैलूंगा श्री चक्रधर सिंह सिदार, कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार और सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव सहित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण जनों ने पौधे लगाकर वृक्षारोपण की शुरुआत की। इस मौके पर सभी ने पौधों को सुरक्षित रखने और केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन की शपथ भी ली। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर इस मानसून जिले में वृहत वृक्षारोपण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न विभागों के माध्यम से करीब 1 हजार एकड़ में 5 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। पौधों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। जिससे पौधे अपनी जड़ें जमाएं और पेड़ बने। पौध रोपण में विभिन्न विभागों के सहयोग के साथ राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों की भी विशेष से सहभागिता रही।























हरेली तिहार पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत नांगर और अन्य कृषि यंत्रों के पूजन के साथ हुआ। इस मौके पर विधायक श्री चक्रधर सिंह सिदार ने कहा कि जिला प्रशासन की यह पहल अत्यंत सराहनीय है। खास बात यह है कि इसमें जनसहभागिता भी है। 17 एकड़ में फल उद्यान तैयार होगा। जिससे आगे चलकर स्थानीय महिला समूहों को आर्थिक लाभ भी होगा। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि हरेली का तिहार पूरे प्रदेश में प्रकृति के प्रति आभार जताने का त्योहार है। इस दिन किसान कृषि यंत्रों और पशुधन की पूजा-अर्चना करते हैं। चाहे सजीव हो या निर्जीव हो सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं। यह हमारी संस्कृति है। इसी क्रम में आज हरेली के दिन जिले में हरियाली प्रसार के लक्ष्य के साथ वृहत वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की जा रही है। यह हमारे पर्यावरण, नदियों जिनसे हम इतना कुछ मिलता है उनके संरक्षण के लिए हमारा एक प्रयास है। उन्होंने सभी उपस्थित जनों को इस अभियान में अधिक से अधिक सहभगिता प्रदान करने की बात कही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार ने इस मौके पर कहा कि हर पेड़ से हमें कुछ न कुछ मिलता है। हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़ों की सबसे अहम भूमिका है। ऐसे में हमें जिम्मेदारी के साथ पेड़ लगाने और उसकी सुरक्षा के लिए कार्य करना चाहिए। सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने इस मौके पर जिला स्तरीय वृक्षारोपण के कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उन्होंने लोगों से अभियान में भागीदारी की बात कही।


उद्यानिकी विभाग अगले 3 साल करेगा देखभाल
मौहापाली के 17 एकड़ में हुए प्लांटेशन के देखरेख का जिम्मा उद्यानिकी विभाग को दिया गया है। यहां सुरक्षा के लिए चेनलिंग फेंसिंग लगाया गया है। पौधों की अगले तीन साल तक देखरेख के इंतजाम किए गए है। ताकि पौधे अपनी जड़ जमाएं और विकसित होकर पेड़ बने।

रीपा की महिला उद्यमी ने बनाया 17 एकड़ में पौधों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग
कलेक्टर श्री सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण संस्कृति और अर्थव्यवस्था को सहेजने विभिन्न योजनाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि 17 एकड़ में पौधों की सुरक्षा के लिए लगे फेंसिंग का निर्माण रीपा तमनार में कार्य कर रही महिला उद्यमी ने किया है। शासन की योजनाएं स्थानीय स्तर पर लोगों को लाभ के अवसर प्रदान कर रही हैं।

एक हजार एकड़ में 5 लाख से अधिक पौधों का होगा रोपण
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के पहल पर जिले में करीब 1 हजार एकड़ में 5 लाख पौधे लगाने की तैयारी है। जिसमें जिले के अलग-अलग विकासखंडों में विभिन्न विभागों के सहयोग से पौधे रोपे जायेंगे। इसी प्रकार रायगढ़ और धरमजयगढ़ वनमण्डल, उद्यानिकी, रेशम विभाग द्वारा भी बड़ी संख्या में पौधा रोपण किए जा रहे हैं।

पौधों की सुरक्षा पर है जोर, 3 साल तक करेंगे देखभाल
कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देश पर पौधों की सुरक्षा पर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। जहां बड़े क्षेत्र में प्लांटेशन हो रहा है उन स्थानों पर सुरक्षा घेरे के लिए फेंसिंग और पानी के लिए बोर की व्यवस्था की गई है। सिंगल प्लांटेशन के लिए ट्री-गार्ड लगाया जाएगा। इसके लिए डीएमएफ और मनरेगा से प्रावधान किए जा रहे हैं। जिससे पौधों को लगाने के साथ अगले 3 साल तक उनको जीवित रखने की समुचित व्यवस्था हो। माना जाता है कि 3 साल तक पौधों की अगर अच्छे से देखरेख की जाए है तो पेड़ की जड़ें मिट्टी में अपनी पकड़ अच्छे से गहराई तक बना लेती हैं और आगे पेड़ के रूप में विकसित होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं।



































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