रायगढ़, 19 जून 2023/ ग्रीष्म ऋतु में तेज धूप और गर्म हवाओं का असर दिखने लगा है। पारा चढऩे के साथ लू का भी खतरा बढ़ रहा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से शरीर में पानी की कमी न होने देने की अपील की है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मधुलिका सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। अत: इससे बचाव के लिये निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिये। बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर धूप में न जावें, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले, पानी अधिक मात्रा में पीये, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखतें रहें, भोजन ताजा बना हुआ ही खायें, यात्रा करते समय या जब भी बाहर जाये तो पीने का पानी साथ रखें, अधिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल और सब्जियां खाएं जैसे – तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानस, ककड़ी, खीरा, सलाद या अन्य स्थानीय रूप से उपलब्ध फल और सब्जियां, ढ़ीले, सूती वस्त्र पहनें, कोशिश करे कि हल्के रंग के कपड़े पहने, अपने सिर को ढ़के-धूप के सीधे संपर्क में आने के दौंरान छाता, टोपी, तौलिया और अन्य पारंपरिक टोपी/ गमछा का उपयोग करें, धूप में निकलते समय जूते या चप्पल पहनें। कोशिश करें कि धूप में न निकलें, खासकर दोपहर 12 से 3 के बीच, बच्चों या पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ी में न छोड़े वाहन के अंदर का तापमान खतरनाक हो सकता है। उच्च तापमान में सुरक्षित रहना अपेक्षाकृत सरल है जब प्रकृति गर्मी बढ़ा रही हो तो जोखिम न लें।
सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, बेहोश होना ये सब लू के लक्षण हैं। इससे बचाव व विशेष सावधानी रखने के संबंध में पूर्व में भी लू से बचने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील प्रकाशित किया गया था। जून के अंतिम माह में भीषण लू की प्रत्याशा है अत: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस सलाह को अपनाए व लू से सुरक्षित रहे।