रायगढ़ टॉप न्यूज 30 नवंबर 2023 । विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 8 अक्टूबर को लगा था। आचार संहिता के पेंच में बुजुर्गों और निराश्रित लोगों को मिलने वाला पेंशन की प्रक्रिया अटक गई है। दरअसल निराश्रितों व बुजुर्गों को चुनाव के ठीक पहले साढ़े 3 सौ रूपए पेंशन मिला करता था, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया था। लेकिन बुजुर्गों का कहना हैं कि जब से पेंशन बढ़ने की घोषणा हुई है, वह बढ़ी हुई कोई राशि उनके खाते में आई तक नहीं है। नगर निगम के पेंशन शाखा के अफसरों कहना हैं कि चुनाव की वजह से राज्य स्तर से पैसा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है । चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाने की बात कही जा रही है। इधर पेंशन नहीं मिलने से निराश्रितों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में पार्षदों और एल्डरमैन से सहयोग मांग रहे हैं।
शहर के 48 वार्डों में 10 हजार 380 निराश्रित और बुजुर्ग है, अभी पिछले दो से तीन माह में 1 हजार की संख्या और बढ़ गई। ऐसे में 11 हजार 380 बुजुर्गों की संख्या हो गई है। इसमें वृश्रा पेंशन, विधवा पेशन, सुखद सहारा पेंशन (दिव्यांग और कोई सहारा जिनका नहीं रहता उन्हें पेंशन दिया जाता है), सामाजिक सुरक्षा पेंशन (विधवा, दिव्यांग,बेसहारा) लोगों को दिया जाता है।
निगम ने सत्यापन भी शुरु कराया
बुजुर्गों और निराश्रित लोगों को जो पेंशन मिल रहा है । उसमें से कई ऐसे है जो जीवित नहीं है और मृतकों के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र जमा नहीं कराते और मृतकों के खातों में पैसा आने पर उसे एटीएम से निकलवाने की बात भी सामने आने के बाद सत्यापन प्रक्रिया शुरु कराई है, जिसमें पेंशन मिलने वाले लोगों को उनके आधार कार्ड, बैंक खाता जैसे जानकारी निगम कार्यालय में जमा कराने के लिए कहा गया है। जिसमें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कौन जीवित है या नहीं। वह व्यक्ति जीवित है या नहीं इसका भी सत्यापन किया जा रहा है।
लोगों ने तीन-तीन खाता खोल रखा है
निगम के पेंशन शाखा के कर्मचारियों का कहना हैं कि लोगों का दो से तीन बैंक खाते हैं। किस बैंक खाते को पेंशन एकाउंट से लिंक किया है, यह याद नहीं रहता और वे पेंशन की रकम के लिए भटकते रहते हैं। दरअसल जनधन और ग्रामीण स्तर में भी जीरो बैलेंस के साथ एकाउंट खुल जाता है। इसमें ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है।