रायगढ़ टॉप न्यूज 13 अप्रैल 2024। पावन चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की उपासना पूजा का दिन होता है।पुराणों के अनुसार मोक्ष का द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। वहीं स्कंद माता अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं. इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है। उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है। वहीं आज पांचवें दिन माता के भक्तों ने कठोर व्रत संकल्प का पालन करते हुए विधिवत ढंग से माता स्कंद की पूजा अर्चना की।
भक्त टेक रहे मत्था
शहर के माता बूढ़ी मंदिर, अनाथालय दुर्गा मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, गायत्री देवी, माता महाकाली मंदिर, समलाईमाता मंदिर, महामाया मंदिर, चक्रधर नगर दुर्गा माता मंदिर सहित सभी देवी माता के मंदिरों में पहले दिन से श्रद्धा की ज्योति भक्तगण जलाए हैं और पवित्र मन से पूजा अर्चना कर रहे हैं । जहां प्रतिदिन सुबह से शाम तक भक्तों का दर्शन – पूजन के लिए रेला लगा है। वहीं आगामी 17अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा।
तीन हजार से श्रद्धालुओं ने पाया प्रसाद
दादी समिति की श्रद्धालु सदस्यगण कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती आशा अग्रवाल ने बताया कि हम सभी नवरात्रि के पहले दिन से महाभंडारा का आयोजन कर रहे हैं। जहाँ दर्शन करने आए माता के भक्तगण महाप्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बन रहे हैं।वहीं आज पंचमी तिथि को माता स्कंद की पूजा-अर्चना व चुनरी अर्पित भोग लगाए इसके के बाद सुबह 10.30 से महाभंडारा प्रारंभ हुआ जो दोपहर तक अनवरत चलता रहा। आज के महाभंडारा में जबरदस्त श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। जिसके अंतर्गत लगभग तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता जगतजननी का श्रद्धा से प्रसाद पाया। श्रद्धालुओं की इतनी उपस्थिति होगी हम नहीं सोचे थे। वहीं टीम के सदस्यों ने सभी को श्रद्धा से महाप्रसाद वितरित किए व मंदिर परिसर माता के जयकारे से गूंजित हो गया ।
भव्यता देने में जुटे सदस्य
नौ दिवसीय धार्मिक इस महाभंडारा के आयोजन को सफल बनाने में कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती आशा अग्रवाल टाइटन, अध्यक्ष ममता – कमल अग्रवाल, सचिव ममता भालोटिया सहित सभी सदस्यगण जुटे हैं। दादी समिति के इस नेक धार्मिक कार्यक्रम की सर्वत्र सराहना हो रही है।