खुले में पशुओं को छोडऩे वाले 35 पशुपालकों पर 31 हजार 500 रूपए का हुआ जुर्माना, पशुओं को गोठानों में किया जा रहा विस्थापित
पशुओं में अनिवार्य रूप से टैगिंग के साथ गले में रेडियम लगाने कार्य जारी
पशुओं को खुले में छोडऩे पर कलेक्टर ने अर्थदण्ड की कार्यवाही का जारी किया आदेश
रायगढ़ टॉप न्यूज 18 अगस्त 2023। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में शहर की सड़कों को आवारा पशुओं एवं उनसे होने वाली दुर्घटनाओं से निजात दिलाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा हैं। जिसके तहत नगर निगम द्वारा आवारा पशुओं एवं पशुओं को खुले में छोडऩे वाले 35 पशुपालकों पर 31 हजार 500 रूपए जुर्माने की कार्यवाही की गई। साथ 210 से अधिक पशुओं को सड़कों से गोठानों में विस्थापित करने का कार्य किया जा चुका हैं। आगे यह कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहेगी।
उल्लेखनीय हैं कि कलेक्टर श्री सिन्हा ने पालतू पशुओं को आवारा छोडऩे वालों पर कार्यवाही करने और अर्थदंड लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को शहरी क्षेत्र में विशेष रूप से इस दिशा में कार्यवाही करने एवं नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। जिसके तहत शहरी क्षेत्र में लगातार कार्यवाही की जा रही हैं। इसी प्रकार सड़कों पर आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने हेतु आवारा पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट अभियान चलाकर बांधने हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एवं सर्व मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित दिया गया था।
कलेक्टर श्री सिन्हा के निर्देश पर पशुपालन विभाग द्वारा मवेशियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 1104 पशुओं में रेडियम बेल्ट, 1156 पशुओं में टेगिंग एवं 448 मवेशियों को सड़कों से गौशाला, गौठान आदि में विस्थापित किया जा चुका हैं। साथ ही पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं का उपचार भी किया जा रहा है। इसी प्रकार निगम द्वारा शहरी क्षेत्रों में अभियान के तहत आवारा मवेशियों पर कार्यवाही करते हुए, काउ कैचर के माध्यम से सड़कों से 210 आवारा मवेशियों को संबलपुरी गोठान में विस्थापित कर, खुले में छोडऩे वाले 35 से अधिक पशुपालकों पर आर्थिक जुर्माने की कार्यवाही की जा चुकी है और यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। इसी प्रकार पालतू मवेशियों में टैगिंग का कार्य किया जा रहा हैं, जिससे पशु पालकों की पहचान कर समझाईश एवं वैधानिक कार्यवाही आसानी से किया जा सके।
पशुओं को खुले में छोडऩे पर कलेक्टर ने अर्थदण्ड की कार्यवाही का जारी किया आदेश
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं को सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे गंभीर दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। साथ ही मवेशियों के जीवन और अंगों के लिए भी खतरा रहता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा घूम रहे पशुओं के पालकों पर कड़ाई से कार्यवाही किए जाने हेतु आदेश जारी किया है। जारी आदेश में पशु अतिचार अधिनियम 1871 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों में विचरण कर रहे पशुओं को कांजी हाउस में बंद कर पशुपालक के विरूद्ध धारा 12 के तहत अर्थदण्ड अधिरोपित किए जाने का प्रावधान है। जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव को इसके लिए अधिकृत किया जाता है कि वे छ.ग. पंचायत राज अधिनियम, 1993 एवं पशु अतिचार अधिनियम, 1871 में निहित धाराओं एवं नियमों के तहत अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में खुले में पशुओं द्वारा फसलों की चराई करने, सड़कों, उद्यानों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण करते पाए जाने पर निकटतम कांजी हाउस में भेजकर पशुपालकों पर अर्थदण्ड की कार्यवाही की जावे। पशु अतिचार अधिनियम, 1871 के तहत पशुपालकों अधिकतम एक हजार रूपए एवं पुनरावृत्ति की दशा में राशि 500 रूपए जुर्माना का प्रावधान है। उन्होने सभी ग्राम पंचायत सचिव को कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।