रायगढ़ । झारसुगड़ा से नागपुर तक गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है, इसमें रायगढ़ के खरसिया से ओडिशा के बार्डर तक करीब 50 किलोमीटर तक पाइपलाइन बिछाने में कई जगहों में विवादों की स्थिति बन रही है। कुछ ही दिनों पहले गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए जब गेल कंपनी के कर्मचारी पटेलपाली पहुंचे तो ग्रामीणों ने वहां पर काम रोक दिया और किसी भी तरह से काम नहीं करने की बात कही । ग्रामीणों द्वारा काम रोके जाने के बाद गेल इंडिया कंपनी, किसानों, नायब तहसीलदार और अफसरों की कलेक्टर के साथ बैठक हुई। बैठक में किसानों ने गेल इंडिया द्वारा प्रति एकड़ 17 नुकसान की भरपाई करने की बात का किसानों ने विरोध किया । किसान प्रति एकड़ 21
क्विंटल धान की भरपाई करने तीन फसल का नुकसानी देंगे की बात पर अड़े थे। 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल के दर से नुकसानी का मुआवजे देने की बात कही गई है। किसानों का कहना हैं कि कलेक्टर के साथ बैठक में गेल ने 21 क्विंटल भरपाई का मुआवजे देने की बात का आश्वासन दिया है, इसके बाद ही वहां पर किसानों ने काम करने के लिए दिया। अभी वहां पर पाइपलाइन बिछाई जा रही है।
तीन फसल का नुकलानी देंगे
बैठक में यह निर्णय लिया गया हैं कि जिन खेतों में किसानों धान की फसल खराब हो रही है, उन किसानों को तीन फसल का नुकसान की भरपाई की जाएगी। ऐसे दो खरीफ के साथ एक रबी फसल का नुकसानी का मुआवजे देने की बात कही गई है, तब जाकर किसान सहमत हुए है। इसी तरह गेल इंडिया के गाईडलाइन के अनुसार ही बाकी मुआवजे देने की बात कही गई है। किसान वर्तमान गाईडलाइन रेट का चार गुना दर पर मुआवजे का आंकलन कर राशि देने की मांग कर रहे थे। लेकिन इसमे गेल इंडिया के अफसर सहमत नहीं हुए। इसमें खासकर धनागर, पटेलपाली, अमलीभौना जैसे आसपास गांवों में सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा था, इसके बाद अब इस पर सहमति बनने के बाद काम तेजी से शुरु हो गया है। पटेलपाली के कृषक देव नारायण पटेल ने बताया कि शहर से लगे पटेलपाली, अमलीभौना, धनागर जैसे इलाकों शहर के गाइडलाइन दर अधिक मानी जाती है । लेकिन गाईडलाइन दर से दो गुना अधिक रकम की 10 फीसदी राशि ही दिए जाने पर ही सहमति दी गई है।
दरअसल झारसुगड़ा से नागपुर तक पाइपलाइन बिछाया जा रहा है, जो 1780 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जा रही है, जिसमें 2019 में टेंडर हुआ है, इसकी लागत 1 हजार करोड़ रूपए बताई गई है। दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर सहित अन्य जिलों में काम काफी तेजी से किया जा रहा है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत इस स्कीम को जोड़ा गया है | 2019 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट जमीन की सहमति के कारण अटका था, इसे 2024-25 में गैस पाइप लाइन शहरी इलाकों के हर घरों में पाइप लाइन से गैस दी जानी थी, लेकिन काम काफी पिछड़ा होने की वजह से 2025 तक यह काम पूरा नहीं हो सकेगा । छत्तीसगढ़ और केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस काम तेजी आई है. पीएम मोदी का गैस पाइपलाइन से घरो तक गैस पहुंचाना ड्रीम प्रोजेक्ट है।