Raigarh News: छ.ग.महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरण मयी नायक ने जिले से प्राप्त प्रकरणों पर की सुनवाई

0
190

आयोग के समझाईश पर पति-पत्नी साथ रहने को तैयार
बेटे की मृत्यु पश्चात् बहु को मिली थी अनुकम्पा नियुक्ति, बहु देगी सास को 7 हजार रूपये मासिक भरण-पोषण
स्कूल प्रिंसिपल ने व्याख्याता के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराई, अध्यक्ष ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए जाँच के आदेश

रायगढ़ टॉप न्यूज 15 मार्च 2024। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने आज कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत प्रकरण पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 249 वीं एवं रायगढ़ जिले में छठवीं सुनवाई हुई। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर ऋषा ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर.कच्छप, डीएसपी निकिता तिवारी, महिला संरक्षण अधिकारी नवाबिहान महिला बाल विकास चैताली राय विश्वास, केन्द्र प्रशासक सखी सेंटर रायगढ़ विनिता गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।























आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में पति-पत्नी दोनों अलग रह रहे थे, जिससे उनके बच्चों पर विपरित प्रभाव पड़ रहा था। आयोग द्वारा सुनवाई के दौरान उपस्थित दोनों को समझाईश दी गई कि दो बच्चे है, जिनका भविष्य आप पर निर्भर करता है। तत्पश्चात दोनों साथ रहने को सहमत हैं। आयोग के निर्देश पर सखी वन स्टॉप सेन्टर द्वारा 01 वर्ष तक दोनों पक्षों की निगरानी की जाएगी, इस आदेश के साथ आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।


एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पुत्र का विवाह 4 माह पूर्व अनावेदिका से हुआ था और वह सीएसईबी में सहायक लाईन मैन के पद पर कार्यरत था। कार्य करने दौरान 05 जुलाई 2023 को मृत्यु हो गई। तत्पश्चात आवेदिका की बहु ने उसकी अनुकंपा नियुक्ति स्वयं प्राप्त कर ली। जिससे उसे 19 हजार मासिक वेतन मिलता है। बहु द्वारा प्राप्त राशि से आवेदिका का किसी प्रकार की आर्थिक सहयोग नहीं कर रही है। आयोग के समझाईश के बाद आवेदिका बहु ने अपनी सास को 7000 मासिक भरण पोषण देने पर सहमत है। इस प्रकरण में आयोग को जानकारी मिली की विभागीय रूप से आवेदिका के पुत्र का समस्त राशि जो मिलना था, उस पर रोक लगा दिया गया है। इस प्रकरण में आयोग ने जिला कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में एक सामाजिक कार्यकर्ता को जोड़कर टीम का गठन किया जो संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेंगे तत्पश्चात प्रकरण की अगली सुनवाई की जायेगी।

इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने बहन के बच्चे जिनका उम्र 12 व 6 वर्ष है उन दोनों को बचपन से पाल रही है। आवेदिका की बहन की मृत्यु मई 2021 में हुई थी और दोनों बच्चों के पिता आवेदिका के घर में आकर रहते थे एवं बहन को प्रताडि़त करके चले जाते थे। दोनों बच्चों की परवरिश आवेदिका व उनके पिता द्वारा की गई है। आवेदिका के जीजा द्वारा बच्चों की जिम्मेदारी नहीं ली गई एवं बच्चों के पालन पोषण के लिए कोई राशि नही दिया गया है। इसके अलावा दोनों बच्चों को धमकी दिया था कि तुमको बांधकर खींच कर ले आउंगा। इस संबंध में आवेदिका ने अनावेदकगण के खिलाफ महिला आयोग में आवेदन लगायी थी। जिसके बाद आज बाल कल्याण समिति सदस्य उपस्थित होकर बताया कि बच्चों के कल्याण के लिए न्यायिक शक्तियों के तहत कार्य करते हैं और उनके द्वारा आवेदिका के पिता को पूर्व में अभिरक्षा में दिये थे और उनके द्वारा प्रकरण समाप्त कर दिया गया था। आवेदिका ने आज बताया कि 1 वर्ष पूर्व परिवार न्यायालय में दोनों नाबालिग बच्चों के पिता के विरूद्ध प्रकरण प्रस्तुत किया गया था अत: आवेदिका के प्रकरण को आगे जारी रखना नहीं चाहती, इसलिए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका और सीएमओ नगर पंचायत व राजस्व निरीक्षक उपस्थित हुए, आवेदिका ने बताया कि नाली बनाने के लिए परछी का हिस्सा तोड़ा गया है। जिस पर आवेदिका को अलग से कोई राहत देना संभव नहीं है। नगर पंचायत द्वारा कहा गया कि ऐसी कार्यवाही की जा सकती है परन्तु आवेदिका का कहना है कि उसी के घर को तोड़ा गया है। जिस पर आयोग द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एलआर कच्छप को जाँच कर उपरांत महिला आयोग में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका जिस स्कूल में प्रिंसिपल है उसी स्कूल में अनावेदक वरिष्ठ व्याख्याता है एवं आपस में एक दूसरे को दोषारोपण कर रहे है। इस विभागीय प्रकरण को जॉच जिला शिक्षा अधिकारी को करना चाहिए, इस प्रकरण पर आयोग द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला रायगढ़ को नियुक्त करते हुए कहा कि दोनों आवेदनों की जांच जिला शिक्षा अधिकारी के समन्वय से करते हुए तीन माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। तत्पश्चात आयोग द्वारा निर्णय लिया जाएगा। अन्य प्रकरण आवेदिका के मृतक पिता एसबीआई धरमजयगढ में मैनेजर के पद पर थे। मृत्यु उपरांत अनावेदक पक्ष द्वारा देनदारियों का भुगतान नहीं किया गया है। अनावेदक का कहना है कि दस्तावेज के अभाव में कार्य नही कर पा रहे है। आवेदिका ने कहा की उसने एसबीआई के सभी शाखा में आवेदन दिया था परंतु जबाव नहीं मिला। आवेदिका को न्यायालय में जाने का निर्देश देते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने 11 तोला सोना अनावेदक के पास गिरवी रखने की शिकायत की है, जिसे अनावेदक द्वारा वापस नहीं किया गया है दोनों पक्षों की काउंसलिंग पश्चात् 15 दिन का समय लिया गया है। प्रकरण में सामाजिक कार्यकर्ता व महिला संरक्षण अधिकारी द्वारा उभय पक्षों को अपने समक्ष बुलाकर आवेदिका को गहना वापस दिलाने व सुलहनामा कराने में सहयोग करते हुए 02 माह में आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। अन्य प्रकरण में आवेदिका का पुत्र सुकमा में शहीद हुआ था। शहीद पुत्र का 1 करोड़ सहयोग राशि अनावेदिका पत्नी द्वारा रख लिया गया है एवं अनावेदिका के साथ एक व्यक्ति रहता है, जो आवेदिका को परेशान करता है। अनावेदिका के 2 बच्चे है जो वर्तमान में पढ़ाई भी नहीं कर रहे। आयोग द्वारा निर्देशित करते हुए कहा कि सब निरीक्षक थाना सिटी कोतवाली इस प्रकरण की जॉच कर उचित कार्यवाही करते हुए बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था तथा आवेदिका के भरण पोषण की जिम्मेदारी सुलह से कराएं, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता तपन घोष का सहयोग ले सकते है।



































LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here