रायगढ़ टॉप न्यूज 25 मार्च। शहर के सिंध समाज के श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव झूलेलाल की जयंती को ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से मनाया। शाम छह बजे पक्की खोली से जब भगवान झूलेलाल की महाआरती के बाद झांकियां उनकी दिव्य ज्योति, संत कंवरराम की झांकी व धुमाल पार्टी, कर्मा पार्टी, डांडिया नृत्य बैंड पार्टी, आतिशबाजी और मधुर भजन के साथ निकली तब हजारों श्रद्धालुओं के कदम खुशी से थिरकने लगे और समाज के सभी आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने मधुर भजन लाल, आयोलाल, जय झूलेलाल के साथ खुशी से निहाल होकर थिरकने लगे।
मनायी गयी श्रद्धा से जयंती – – – जल के देवता माने जाते हैं झूलेलाल। सिंध समाज के श्रद्धालुगण अपने आराध्य देव झूलेलाल को जल के देवता वरुण का अवतार मानते हैं और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में चन्द्र दर्शन की तिथि को सिंधी चेटीचंड्र मनाते हैं। सिंध समाज के लोगों का यह सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है व झूलेलाल जयंती है। वहीं जयंती पर समाज के श्रद्धालुगण मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं। इस बार भी विधिवत ढंग से समाज के सभी वर्ग के लोगों ने किया।
शाम छह बजे निकली शोभा यात्रा – – दोपहर में महाभंडारा किया गया जिसमें समाज व शहर के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके पश्चात शाम छह बजे भगवान झूलेलाल की पूजा अर्चना के बाद शोभा यात्रा मंदिर प्रांगण से भगवान झूलेलाल की दिव्य ज्योति के साथ संत कंवरराम की झांकी, धुमाल पार्टी, कर्मा पार्टी, डांडिया नृत्य बैंड पार्टी के साथ निकली वहीं झूलेलाल के रुप में पारस मोटवानी व संतकंवरराम के रुप में अशोक चेतवानी के मनोहारी रुप ने सभी को मुग्ध कर दिया। वहीं मनभावन झांकी आतिशबाजी के साथ निकली जो चक्रधर चौक होते हुए हेमू कालाणी फिर कच्ची खोली पहुंची जहां भव्यता के साथ शोभा यात्रा का स्वागत किया गया व जगह – जगह श्रद्धालुओं के लिए शीतल पेय व शर्बत की व्यवस्था की गयी थी व प्रसाद वितरण भी किया गया। वहीं रात में मुंबई के भजन टीम के सदस्यों ने मनभावन प्रस्तुति दी।इसी तरह आयोजन को भव्यता देने में सिंध समाज के सभी पुरुष, महिला व बच्चों का सराहनीय योगदान रहा।