रायगढ़, 10 सितम्बर 2023/ नेशनल लोक अदालत जो वर्चुअल एवं फिजिकल दोनों माध्यमों से जिला न्यायालय रायगढ़ सहित तहसील न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया तथा बिलाईगढ़ एवं भटगांव में आयोजित किया गया।
जिला मुख्यालय रायगढ़ के न्यायालयीन परिसर में जिला न्यायाधीश अरविन्द कुमार सिन्हा के द्वारा सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर तथा माता सरस्वती, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा में माल्यार्पण कर नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, समस्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा अन्य समस्त न्यायाधीशगण सहित जिला अधिवक्ता संघ से प्रशासक/अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह, अधिवक्तागण तथा राजीनामा हेतु उपस्थित पक्षकारगण, न्यायालयीन एवं विधिक स्टॉफ उपस्थित रहे।
जिला एवं तहसील न्यायालयों को मिलाकर कुल 24 खण्डपीठों का गठन किया गया। श्रम न्यायालय एवं किशोर न्याय बोर्ड का भी खण्डपीठ गठन किया गया। जिला रायगढ़ एवं सारंगढ़-बिलाईगढ़ के राजस्व न्यायालयों में भी खण्डपीठों का गठन किया गया।
जिला एवं तहसील न्यायालयों में विभिन्न प्रकृति के राजीनामा योग्य मामले जैसे-मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक वसूली के प्रकरण, आपराधिक मामले, विद्युत मामले, श्रम विवाद, पारिवारिक विवाद, चेक अनादरण, सिविल मामले के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एवं अन्य छोटे अपराधों के मामले, जिसमें यातायात उल्लंघन के मामलों को भी शामिल करते हुए खण्डपीठों में लंबित प्रकरण 2971 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 21741 को राजीनामा के आधार पर निराकरण हेतु लोक अदालत में रखा गया।
रखे गये कुल 24712 प्रकरणों में से लंबित 2067 एवं प्रीलिटिगेशन 14350 प्रकरण निराकृत हुये। इस प्रकार कुल 16417 प्रकरणों का निराकरण, जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय, किशोर न्याय बोर्ड, उपभोक्ता फोरम रायगढ़ एवं तहसील स्थित व्यवहार न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया, भटगांव, बिलाईगढ़ न्यायालय में राजीनामा के आधार पर किया गया और उन प्रकरणों के अंतर्गत कुल 3 करोड़ 58 लाख 52 हजार 91 रूपये का सेटलमेंट हुआ।
राजस्व न्यायालयों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे के मामले, वारिसों के मध्य बंटवारे के मामले, कब्जे के आधार पर बंटवारा के मामले, दण्ड प्रक्रिया संहिता 145 के कार्यवाही के मामले, विक्रयपत्र/दानपत्र/वसीयतनामा के आधार पर नामान्तरण के मामले एवं शेष अन्य प्रकृति के कुल 14491 मामले रखे गये जिनमें से 14293 मामलों का निराकरण आज की लोक अदालत में राजस्व न्यायालयों की गठित खण्डपीठ द्वारा किया गया।