Raigarh News: घरघोड़ा में भाजपा को बड़ा झटका.. घरघोड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष विजय शिशु सिन्हा की गई कुर्सी

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वोटिंग में कांग्रेस को 11 मत मिला, जबकि भाजपा के खाते में 3 मत आए
घरघोड़ा नगर पंचायत में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुआ चुनाव
11 मत पाकर कांग्रेस ने हासिल की विश्वास, विजय शिशु सिन्हा की गई कुर्सी 

रायगढ़ टॉप न्यूज 1 मई। रायगढ़ जिले के नगर पंचायत घरघोड़ा में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आज हुए चुनाव में पार्षदों ने वोट डाले। वोटिंग में कांग्रेस को 11 मत मिला। जबकि भाजपा जे खाते में 3 मत आए। संख्या बल होने के बाद भी चुनाव में करारा हार का सामना करने के उपरांत सवा तीन साल बाद कांग्रेस ने घरघोड़ा नगर पंचायत में अविश्वास मत में विश्वास 11 मत से विश्वास हासिल कर अध्यक्ष की कुर्सी को अपने कब्जे में की है।























जिसमें अब नगर पंचायत की कमान एक कांग्रेस के हाथ चली गई, गौरतलब हो कि नगर पंचायत घरघोड़ा पिछले एक दशक से सुर्खियों में बना हुआ है। कुर्सी से लेकर अधिकारी की आपसी खींचतान विवादों में लाकर खड़ा कर रख दिया हैं इन सभी के बीच कांग्रेस द्वारा भाजपा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पखवाड़े भर पहले लाए थे। इसके लिए 1 मई को मतदान प्रशासनिक अधिकारी तथा पुलिसिया सुरक्षात्मक ढांचे के बीच मे 11 बजे आरंभ हुआ।

 

आपको बता दें कि घरघोड़ा के नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 2 निर्दलीय और 8 कांग्रेसी पार्षदों ने कलेक्टर को सौंपा था। कलेक्टर ने सीएमओ से परीक्षण कराने के बाद 1 मई को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने की घोषणा की थी।

घरघोड़ा की राजनीति शुरू से ही अनोखी रखी है, पिछले बार कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद क्राॅस वोटिंग के कारण बीजेपी के उम्मीदवार को जीत हासिल कर ली थी।  बताया जाता है कि बीजेपी समर्थित नगर पंचायत के वर्तमान अध्यक्ष शिशु सिन्हा और उपाध्यक्ष उस्मान बेग के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा था । उस्मान ने 10 पार्षदों के साथ कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र दिया था।

 

जहां अविश्वास मत के लिए सभी प्रक्रिया शुरुआत किया गया। वहीं, इसमें जीत के लिए कांग्रेस को 10 मत हासिल करना था। जबकि संख्या बल के लिहाज से पंचायत में कांग्रेस के पास 8 पार्षद है, तथा बीजेपी के पास 5 एवं दो निर्दलीय है।


इनमे से शुरुआत से ही एक निर्दलीय का समर्थन बीजेपी को मिला हुआ था। इधर मतदान आरंभ होते ही कांग्रेस खेमे की रणनीति व क्रॉस वोटिंग के भय से जिले से बाहर रखने की योजना कारगर साबित हुआ। यहीं वजह रहा कि वोटिंग में कांग्रेस को 11 मत मिला। जबकि भाजपा जे खाते में 3 मत आए।

जबकि एक महिला पार्षद की सेहत नासाज होने के चलते इस प्रक्रिया में हिस्सा नही ले पाई । इस तरह उठापटक के दौर बीच कांग्रेस ने साख को बचाते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को कब्जा जमाने मे सफल हो पाए है। अविश्वास मत में विश्वास मत हासिल करने से कांग्रेस खेमे में उत्साह का माहौल बना हुआ है, आतिशबाजी का दौर चल रहा है, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे है। जबकि परिस्थितियों के संजोग पर भाजपा खेमे में निराशा है।

धरमजयगढ़ मे गवांए घरघोड़ा में पाए
चुनाव में कब क्या हो जाए नेता किस ओर पाला बदल लें यह कहा नही जा सकता है। इसके अलावा आपसी मनमुटाव नाराजगी भी किसी भी पार्टी का हुलिया से लेकर राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ देता है यही हाल घरघोड़ा मे भी रहा है।
हालांकि बहुमत आंकड़ा होने के बाद अध्यक्ष की ताजपोशी कांग्रेस नही कर पाई थी किंतु अब प्रतिष्ठा पूर्ण अविश्वास मत में अध्यक्ष की कुर्सी में कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। यह भी बताया जाना लाजमी होगा कि बीते माह धरमजयगढ़ में अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही कांग्रेस पार्टी की सत्ता नगर पंचायत से छीन गई। देखा जाए तो घरघोड़ा में जीत के बाद कांग्रेसी खेमे में हर्षोल्लास है।

सटीक रणनीति की वजह से बनी रही एकजुटता
कांग्रेस पार्टी ने अविश्वास मत से पहले ही एक तरह से पार्षदों को एकजुट करने हर संभव कार्य कर रही थी। पार्टी के आला दर्जे के नेताओ ने भी समय समय पर मार्गदर्शन कर समीक्षा ले रहे थे। ऐसे में जिला स्तर में सटीक रणनीति बनाते हुए पहले पार्षदों के टूटने का भय को देखते हुए फार्म में ले जाना मानो कांग्रेस के लिए संजीवनी की तरह कार्य किया। एकजुटता व पार्टी के व्हीप के चलते कांग्रेसी पार्षद टूटने के बजाए संगठित रहे और इसका परिणाम अध्यक्ष पद की कुर्सी के रूप में मिला।

गाड़ी घुसाने को लेकर हुआ विवाद कांग्रेसी नेताओं को एसडीएम ने दी फटकार
अविश्वास प्रस्ताव चुनाव एक तरह शुरुआत से ही प्रतिष्ठा पूर्ण बना। इस बीच बीजेपी नेताओं ने मतगणना स्थान यानी नगर पंचायत तक पैदल गए किंतु कांग्रेस नेताओं ने गाड़ी के साथ जाने लगे। ऐसे में बीजेपी नेताओ ने गाड़ी के आगे आकर विरोध जताते हुए प्रदर्शन करने लगे। यहां यह भी बताया जाना लाजमी होगा कि गाड़ियों को प्रतिबंधित किया गया था। वही इस परिस्थिति पर पीठासीन अधिकारी एसडीएम ने भी नाराजगी जाहिर की ओर कांग्रेस नेताओ को घुड़की भी दिए।
एसडीएम रिषा ठाकुर एसडीओपी दीपक मिश्रा की मौजूदगी में चुनाव सम्पन्न हुआ ।



































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