Raigarh News: पहले से शादीशुदा युवक ने युवती को शादी का झांसा देकर किया अनाचार, एसटीएससी कोर्ट ने आजीवन कारावास व अलग-अलग धाराओं में 1 लाख 30 हजार का जुर्माना भी ठोंका

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रायगढ़। पहले से शादीशुदा युवक के द्वारा युवती को शादी का झांसा देकर अनाचार करने के मामले में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विशेष न्यायालय ने आरोपी को दोष सिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास व अलग-अलग धाराओं में एक लाख 30 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता दरोगापाारा बुढ़ी माई मंदिर रोड़ स्थित शिवम इंटरप्राईजेस मेडिकल दुकान में 15 अगस्त 2022 से काम कर रही थी। उसी दुकान में आरोपी विजय बरेठ फिल्ड का काम करता था। आरोपी पीडिता से परिचय बनाया और बात करने लगा, आरोपी पीड़िता को पसंद करने लगा और शादी करने की बात कहने लगा और बताया कि वह शादीशुदा है जिसके बाद पीड़िता ने शादी करने से मना कर दिया। इसके बावजूद आरोपी पीड़िता के पीछे पड़ा रहा और कहने लगा कि वह अपनी पत्नी को तालाक देकर उससे ही शादी करेगा।
पीड़िता के द्वारा शादी से मना करने पर आरोपी ने कलई का नश काटने लगा तब पीडिता ने कहा कि ठीक है पहले अपनी पत्नी को तालाक दे दो तब वह शादी करेगी। इस बात का फायदा उठाते हुए आरोपी सितंबर 2022 में जब दुकान मंे पीडिता अकेली थी। आरोपी शादी करूंगा कहकर पीड़िता के विरोध करने के बावजूद बलात्कार किया। पीड़िता लोक लाज से किसी को घटना के बारे में नही बताई, इसके बाद आरोपी पीडिता को शादी करने का आश्वासन देकर घुमाता रहा। आरोपी के द्वारा बाद में शादी से इंकार कर दिया गया। जिसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत सिटी कोतवाली थाने में दर्ज कराई। सिटी कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 376, (2) (ढ), 506 भाग-दो भा.द.सं. एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (2) (व्ही) 3 (1) (आर) के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय मंे पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। उक्त मामला उपार्पण पश्चात अजजा विशेष न्यायाधीश माननीय जितेन्द्र कुमार जैन की अदालत में पहुंचा जहां दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी विजय बरेठ व मानु पिता रमेश बरेठ 36 साल निवासी राममंदिर गली बैकुण्ठपुर को उपरोक्त सभी धाराओं में दोषी करार देते हुए अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास और कुल 1 लाख 30 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। इस मामले में अपर लोक विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की।

























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