रायगढ़ / सांगीतिक यात्रा के पांचवे दिन आज राजा चक्रधर समारोह में मुंबई से आई फिल्म जगत की प्रसिद्ध अदाकारा और भरतनाट्यम की विख्यात नृत्यांगना सुश्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने बहुत ही सुंदर भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। बीस साल बाद मीनाक्षी शेषाद्रि ने शास्त्रीय नृत्य का सफर रायगढ़ की सांगीतिक धरा से फिर से शुरू किया। उन्होंने भरतनाट्यम शैली में पंचदेव आराधना का बेहतरीन प्रस्तुतिकरण किया जिससे चक्रधर समारोह में उपस्थित सभी लोगो के मन में देवी देवताओं के पांचों रूप का भावविभोर करने वाला रूप प्रस्तुत हुआ। सुश्री मीनाक्षी शेषाद्रि ने यूएसए से भारत वापसी के बाद आज बीस साल के बाद रायगढ़ की सांगीतिक धरा में भरतनाट्यम की पहली बार प्रस्तुति दी है। उन्होंने भगवान श्री गणेश की स्तुति से आरंभ करते हुवे नृत्य और उल्लास का बेहतरीन प्रदर्शन प्रभु नटराज शिव, मां सरस्वती, भगवान शिव के तांडव रूप, देवी के शांत, श्रृंगार सुंदरता रूप और मां चंडी के रूप सहित भगवान श्री कृष्ण के रूप का प्रदर्शन करते हुवे मंत्रमुग्ध करने वाला पंचदेव आराधना का प्रदर्शन किया। सुश्री मीनाक्षी शेषाद्रि का फिल्मी कैरियर में भी एक अलग पहचान है। इनके भीतर प्रख्यात फिल्मी पर्दे के इतर विशेष सांस्कृतिक संपन्नता है। इन्होंने बाल्यावस्था में तीन साल की उम्र से ही संगीत व नृत्य सीखना शुरू कर दिया था। वे एक, दो या तीन नही बल्कि भरतनाट्यम, कत्थक, ओडीसी और कुचीपुड़ी सहित चार शास्त्रीय विधा में पारंगत है। उन्होंने आज चक्रधर समारोह में ओडीसी और भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति दी। इन्होंने पेंटर बाबू, दामिनी जैसी कई चर्चित फिल्मों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है। इन्होंने देश और देश से बाहर भी भरतनाट्यम का कई बड़े मंचो पर प्रदर्शन किया है। उन्होंने राजा चक्रधर समारोह में आए सभी दर्शकों को संबोधित करते हुवे कहा की यहां आकर मैं अपने भीतर बहुत ही उल्लास का अनुभव कर रही हु। राजा चक्रधर समारोह के अवसर पर रायगढ़ जिले में बहुत ही मनोरम वातावरण है। उन्होंने कहा की मां सरस्वती के आशीर्वाद से ही मैं आपके सामने हु। उन्होंने कहा की आज की तारीख उनके लिए बहुत ही खास है।