रायगढ़ टॉप न्यूज 24 जून। शहर के पंचधारी डेम में एक बार फिर एक नाबालिग की नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई है। मृतक डभरा का रहने वाला है जो अपने अपने मामा घर आया हुआ था और अपने 4 दोस्तों के साथ नहाने गया था। सूत्रों के मुताबिक मूलत: सक्ती जिले के डभरा निवासी अधिवक्ता जागेश्वर कर्ष का 15 वर्षीय पुत्र लीलाधर कर्ष इस साल आठवीं कक्षा पास कर नवमीं में पहुंचा था। चूंकि, अभी छुट्टी चल रही है इसलिए वह घूमने के लिए अपने मामा घर यानी रायगढ़ के जूटमिल आया था। शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजे लीलाधर अपने ममेरे भाई और उसके 3 दोस्तों के साथ नदी नहाने के लिए निकला था। पांचों नाबालिग हंसी-ठिठोली करते हुए सर्किट हाउस के पीछे गोवर्धनपुर स्थित पचधारी डैम गए।
लगभग साढ़े 9 बजे लीलाधर अपने ममेरे भाई और उसके दोस्तों को पचधारी एनीकट के पीछे छलांग मारकर तैरते देख वह भी कूद गया। लीलाधर को गहरे पानी में जम्प करते देख ममेरे भाई को लगा कि उसे भी तैरना आता होगा, लेकिन ऐसा नहीं था। लीलाधर को छोड़ चारों बालक पचधारी के पीछे भाग में तैरकर नहाते रहे, पर डभरा से आया छात्र डूब गया। पहले पहल दोस्तों को लगा कि लीलाधर डुबकी लगाते हुए नहा रहा है, मगर जब कुछ देर बाद भी वह पानी से बाहर नहीं निकला तो वे उसे खोजने लगे।
काफी समय बाद लीलाधर के बालों को पानी के ऊपर आते देख बदहवास दोस्त उसे खींचकर किनारे ले गए तो देखा किपनी अधिक पी जाने की वजह से वह बेसुध था। तदुपरांत, मौके की नजाकत को भांप वे आसपास नहा रहे लोगों की मदद से लीलाधर को एनीकट से रोड की तरफ ले गए। फिर किसी तरह ऑटो रिक्शे से उसे जिला चिकित्सालय लेकर गए तो डॉक्टर्स ने लीलाधर को प्राथमिक जांच में ही मृत घोषित कर दिया।
वहीं, पचधारी में नहाने के लिए प्रतिबंध लगने के बावजूद वहां फिर एक घर के चिराग बुझने की खबर सीएसपी अभिनव उपाध्याय को लगी तो उन्होंने नगर कोतवाल शनिप रात्रे को तत्काल कार्रवाई के लिए कहा। प्रधान आरक्षक संजय तिवारी जब केजीएच पहुंचे तो लीलाधर की जान जा चुकी थी। फिलहाल, कोतवाली पुलिस मर्ग कायम करते हुए हादसे की छानबीन कर रही है।
गोवर्धनपुर से पचधारी डैम उतरने वाले संकीर्ण रास्ते में प्रशासन ने एक सचेतक बोर्ड भी लगवा रखा है। बोर्ड में स्पष्ट लिखा है कि पचधारी में नहाना सख्त मना है। ऐसा करते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन पचधारी में नहाने के दौरान सेल्फी लेने की होड़ के चलते खासकर रविवार और बुधवार सुबह से देर शाम तक जिस कदर लोग परिवार के साथ यहां नहाने के लिए जाते हैं, वहां जरा सी लापरवाही के चलते अब तक लाई लोग मौत के आगोश के समा चुके हैं। यही नहीं, पुलिस भी मेला की तरह सजे पचधारी में जब अचानक दबिश देती है तो वर्दीधारियों को डंडे लेकर दौड़ाते देख लोग कुछ चले जाते हैं, परन्तु कुछ घंटे बाद लापरवाही का फिर वही मंजर हो जाता है, जो कि सही नहीं है।
सीएसपी अभिनव उपाध्याय का कहना है कि प्रतिबंधित पचधारी में नहाने के चक्कर में फिर एक की जिंदगी खत्म हो गई। पुलिस घटना की जांच कर आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है। चूंकि, यहां उमड़ने वाली भीड़ की लापरवाही से ऐसे घटनाएं होती है इसलिए पुलिस अब सख्ती बरतेगी। पचधारी में यदि कोई भी नहाते दिखा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा, बल्कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी ताकि फिर इस तरह की पुनरावृत्ति हो सके।