खुद से लकड़ी से बनाये पुल से करते हैं आना जाना
2015 में लग चुका बिजली का खम्भा, पर आज तक नहीं लग पाया खम्भों में बिजली तार
बीमार लोग और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में होती भारी परेशानी
अपनी समस्या लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण
रायगढ़ टॉप न्यूज 13 मार्च। देश की आजादी के बाद सरकार ने देश के कोने-कोने तक बिजली पहुंचा दी है, लेकिन रायगढ़ जिले के अंतिम छोर का आज भी एक गांव ऐसा है जहां जहां के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं क्योंकि वहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। जिले के धरमजय़गढ़ तहसील के ग्राम पंचायत सिसरिंगा के आश्रित ग्राम कुकरीखोर्रो मोहल्ला चांपखेत में आज तक बिजली नहीं पहुंची यहां के ग्रामीण आज भी मोमबत्ती और दिया जलाकर रात काटने को मजबूर है। साथ ही साथ यहां सड़क तक भी नहीं है। इस गांव के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
सोमवार को कुकरीखोर्रो गांव एक दर्जन से अधिक ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि कुकरीखोर्रो मोहल्ला चांपखेत में 80 से 90 परिवार विगत लगभग 65 वर्षों से निवासरत हैं। जिनकी जनसंख्या लगभग 500 है। गांव में एक प्राथमिक शाला भी है। यह गांव जंगल, पहाड़, नदी, नाला के बीच बसा है। यहां पुल और सड़क नहीं होने पर ग्रामीण खुद ही लकड़ियों से पुल बनाये हैं और उसी से आना जाना करते हैं। लेकिन बरसात के दिनों में आने जाने में इन्हे बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही नदी नाला होने के कारण बीमारी और गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने हेतु अस्पताल ले जाने में काफी परेशनी होती है। कई बार उचित सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं की मौत भी हो चुकी है। रोड नहीं होने के कारण यहां 108 या 112 वाहन भी नहीं पहुंच पाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 2015 में बिजली का खम्भा लग चुका है लेकिन आज तक उसमें बिजली तार नही लग पाया है। पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है और हम लोग विकास से पूरी तरह वंचित है। ग्रामीणों ने कलेक्टर महोदय से निवेदन किया है कि हम गरीब आदिवासियों की समस्याओं को ध्यान में रखकर सड़क, पुलिया निर्माण कराने एवं बिजली कनेक्शन दिलवाने की मांग की है।