Raigarh News: रायगढ़ में रामनवमी पर निकली भव्य शोभायात्रा, राममय हुआ पूरा शहर, उज्जैन का डमरूदल, ओडिशा का घंटा बाजा बना आकर्षण का केंद्र

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रायगढ़। रामनवमी पर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली. विशेष तैयारियों के साथ निकाली गई। शोभायात्रा ने पिछले कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ा दिया। हजारों रामभक्त की मौजूदगी में गाजेबाजे के साथ भगवान श्रीराम की आरती, जय श्रीराम के जयघोष के सात शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में राम भक्त शामिल हुए । शोभायात्रा में युवक, युवतियां महिला, बुजुर्ग, बच्चे अपने हाथों में भगवा ध्वज धारण किये भगवान श्रीराम के जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे है। साथ ही शहरवासी आकर्षक झांकियों व शोभायात्रा का आत्मीय स्वागत करते रहे। इधर शोभायात्रा को सफल बनाने के लिए पुलिस बल के भी पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। इस बार 32 समाजों द्वारा झांकियां निकाली गई है। जिनमें से नौ झांकियां बाहर से मंगवाई गई हैं और सभी नटवर स्कूल मैदान में एकत्रित हुए जहां से रैली के रूप में निकली। शोभायात्रा में 12 से 15 पॉवर जोन शामिल है। जिन्हें झांकियों के बाद अंतिम में रखा गया है।













 

रायगढ़ की श्री राम नवमी शोभायात्रा में इस बार उज्जैन के प्रसिद्ध डमरू दल, 32 मुखों वाली काली माता, बाहुबली हनुमान, अघोरी बाहुबली शिव, ओडिशा का घंटा बाजा आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहेंगे। इसके अलावा मनोरंजन के लिए चार्ली चैपलिन, जशपुर से कर्मा दल, आदिवासी नृत्य और रंगोली कलाकार भी सम्मिलित हुए है जो आकर्षण केन्द्र बना हुआ है।

 

उज्जैन के प्रसिद्ध डमरू दल

 

 

32 मुखों वाली काली माता

बाहुबली हनुमान, अघोरी बाहुबली शिव

 

ओडिशा का घंटा बाजा

 

जशपुर से कर्मा दल, आदिवासी नृत्य

 

रंगोली कलाकार

 

यह शोभायात्रा नटवर स्कूल प्रांगण से दोपहर 3 बजे प्रारंभ हुई जहां भारी सेख्या में धिरे-धिरे लोग एकत्र होने लगे। एस शोभायात्रा में जिले के अलवा बाहर से भी लोग भारी संख्या में लोग इकटठा हुए है। जिससे शोभा यात्रा की भव्यता देखते ही बनती है। शोभा यात्रा स्टेशन चौक, गांधी गंज,रामनिवास चौक, गोपी टॉकीज चौक से होते हुए शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरती हुई रामलीला मैदान पहुंचेगी, जहां विद्वान साधु, संतो द्वारा श्री राम की भव्य महाआरती के साथ इसका समापन किया जाएगा।

 

आपको बता दें 2014 से इस भव्य आयोजन की शुरुआत की गई थी. जिसके पीछे केवल एक ही उद्देश्य था कि अपने कुल देवता के जन्मोत्सव को एक मंच पर मिलकर भव्य रूप से मनाया जाए। 30 से 35 समाज एक मंच पर आए और देखते ही देखते 60 से अधिक समाज के लोग इसमें जुड़ते गए, इस बार 32 समाजों द्वारा झांकियां निकाली जाएगी। जिनमें से नौ झांकियां बाहर से मंगवाई गई हैं।





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