Raigarh News: 20 करोड़ की लागत से ट्रांसपोर्ट नगर में बनेगा गैस प्लांट, गेल इंडिया करेगा निर्माण, करीब 200 टन ठोस अपशिष्ट प्रतिदिन उत्सर्जित हो रहा है, अभी नागपुर से झारसगुड़ा तक गेल इंडिया बिछा रही है गैस पाइपलाइन

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 रायगढ़। शहर से निकल रहे अपशिष्ट के निराकरण के लिए ट्रांसपोर्ट नगर में गैस प्लांट बनाया जा रहा है, इसके लिए एमओयू निगम के साथ गेल इंडिया ने किया है। नगर निगम अब इस फामूर्ले पर काम कर रहा है, हर रोज 100 टन तक कचरे का डिस्पोजल हो सकेगा। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) से सबकुछ होंने के बाद इसमें एमओयू भी हो गया है। दरअसल शहरी क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाला सॉलिड वेस्ट बहुत बड़ी समस्या बन चुका है, वर्तमान में अभी अलीभौना के पास ट्रांसपोर्ट नगर के पास खाली पड़ी जमीन पर कचरे का निपाट किया जाता है। इसमें आग भी लगाकर इसे नष्ट किया जाता है, लेकिन अब इसके निराकरण के लिए बनाए गए एसएलआरएम सेंटर भी डिस्पोजल नहीं कर पा रहे हैं, रायगढ़ शहर से रोज निकल रहे करीब 60 टन ठोस अपशिष्ट का निराकरण करने कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है। यह बायो गैस प्लांट को छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल डेवलपमेंट एजेंसी और गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) राज्य के तीन नगर निगम में बायोगैस संयंत्र लगाएगा । इसमें अंबिकापुर, कोरबा और रायगढ़ नगर निगम में यह बायोगैस संयंत्र लगेगा जिससे शहर का गीला कचरा उपयोग में लाया जाएगा वहीं इन तीनों जिले के ग्रामीण क्षेत्र से फसलों के अवशेष जिसमें पराली प्रमुखता से शामिल होगा, उसका उपयोग किया जाएगा। इस तरह का प्रयोग रायपुर और भिलाई की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट नगर में सीबीजी प्लांट लगाया जाएगा ।

शहर का ज्यादातर कचरा ट्रांसपोर्ट नगर में डंप किया जा रहा है, नगर निगम क्षेत्र के अलावा आसपास के दूसरे निकायों का ठोस अपशिष्ट भी डिस्पोज किया जा सकता है। यह प्लांट केंद्र सरकार की सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन ( सतत ) योजना के तहत स्थापित किया जा रहा है। इसमें ऑयल एंड गैस कंपनियों को जोड़ा गया है। नगर निगम केवल जमीन उपलब्ध कराएगा और कचरे की आपूर्ति करेगा, उत्पादित गैस को तेल कंपनियों को बेच सकते हैं। अभी रायपुर, भिलाई में बीपीसीएल के साथ एमओयू किया जा चुका है। वर्तमान में जिले में करीब 200 टन ठोस अपशिष्ट प्रतिदिन उत्सर्जित हो रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा प्लास्टिक वेस्ट की होती है, इसमें रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र से ही 58 टन प्रतिदिन कचरा निकल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी करीब 125 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है। इसे रिसायकल करने के लिए प्लांट लगाने की योजना भी तकरीबन ठंडे बस्ते में डाली जा चुकी है। इस प्लांट की स्थापना का समस्त खर्च गेल वहन करेगा, इस प्लांट से उत्पादित होने वाले सीएनजी का वाहनों में उपयोग हेतु सीएनजी स्टेशन का भी निर्माण किया जाएगा। प्लांट की स्थापना से नगर के गीले कचरे के साथ कृषि जनित कचरे का भी विज्ञानी तकनीक से निपटान होगा जो पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम होगा। सीएनजी के प्रयोग से वाहनों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। एक नगर निगम क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस संयंत्र में लगभग 20 करोड़ का खर्च होगा । गेल तीनों नगर निगम में लगभग 60 करोड़ खर्च करेगा। ट्रांसपोर्ट नगर के पास करीब तीन एकड़ से अधिक जमीन नजूल विभाग की है।













रामपुर में कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड के लीगेसी वेस्ट का निराकरण करने के बाद ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड के पास कचरा डंप किया जा रहा है। एसएलआरएम सेंटर के आसपास बायो गैस प्लांट स्थापित करने के लिए जगह दी जा सकती है, इसकी फंडिंग का पूरा काम केंद्र सरकार की गाइडलाइन से होना है। यह प्लांट बन जाने से शहर के कचरे का निराकरण साइंटिफिक तरीके से भी होगा और साथ ही गैस के रूप में बायप्रोडक्ट भी तैयार होगा।

2.3 टन, निकाय से उत्सर्जित कचरा प्रतिदिन धर्मजयगढ़ नगर पालिका- घरघोड़ा नपं 2 टन, खरसिया नगर पालिका -2.7 टन, किरोड़ीमल नगर नगर पंचायत- 2.4 टन, लैलूंगा नगर पंचायत -2 टन, पुसौर नगर पंचायत – 1.1 टन, रायगढ़ नगर निगम -58 टन, रायगढ़ ग्रामीण- 124.26 टन कचरा निकलता है।





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