जिले के सवा 21 करोड़ रुपए आरटीई में बकाया
रायगढ़ टॉप न्यूज 12 सितंबर 2023। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों संचालकों ने 250 करोड़ रुपए रोक दिया है, जिससे नाराज प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन आंदोलन की तैयारी शुरु कर दी है। 14 सितंबर को प्रदेशभर के निजी स्कूल बंद रहेंगे, रायपुर में 21 सितंबर को जंगी प्रदर्शन की तैयारी है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पैसा बढ़ाने, समय पर पैसा जारी करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरेगा। यह राशि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पात्र बच्चों को पढ़ाने के बदले स्कूलों को विभाग को जारी करनी थी। प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग ने वर्ष 2020-2021, 2021-22 और 2022-23 की राशि अब तक जारी नहीं की है। राशि नहीं मिलने से छोटे स्कूलों के संचालन में परेशानी हो रही है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में 14 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को बंद रखा जाएगा। पहले चरण के प्रदर्शन के बाद ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मांग को पूरी नहीं करेंगे, तो फिर सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। आंदोलन के दूसरे चरण में 21 सितंबर को रायपुर में प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक एकजुट होंगे और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
रायगढ़ जिले में सवा 21 करोड़ रुपए बकाया है
प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने बताया कि रायगढ़- सारंगढ़ जिले में करीब 900 प्राईवेट स्कूल है।उसमें 2020-21 से पैसा नहीं मिल पा रहा है, इसका करीब साढ़े 16 लाख रुपए अभी तक नहीं मिला है, इसी तरह 2021-22 का भी करीब 2 करोड रुपए नहीं मिल पाया है। सबसे अधिक 2022-23 में करीब 18 करोड रुपए नहीं मिल पाया है। इस तरह से राशि नहीं मिल पाई है। इसलिए यह आंदोलन किया जा रहा है।
यह है मांग
पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसी वर्ष से वृद्धि की जाए। स्कूल बसों की पात्रता अवधि
छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है। पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष किया जाना चाहिए। निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए। आरटीई की क्षतिपूर्ति राशि को स्कूलों को जल्द दिया जाए। निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए। गणवेश की राशि 540 रुपए से बढ़कर 2000 की जाए। निजी स्कूल में अध्ययनरत एसी, एसटी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक और पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।