रायगढ़ 26फरवरी 2025/ छत्तीसगढ़ घोटाले बाजों का गढ़ बन गया है पाठ्य पुस्तक निगम में 250 करोड़ के घोटाले के बाद अब मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन में भी 750 करोड़ का घोटाला सामने आया हे जिसमें जांच कर्ता ACB ने रायगढ़ के पूर्व कलेक्टर भीम सिंह सहित CGMSC के एम डी पद्मिनी भोई एवं चंद्रकांत वर्मा तीनों IAS अफसरों को नोटिस जारी किया है उनसे करोड़ों के घोटाले के संबंध में पूछताछ की जाएगी घोटाले में शामिल गवर्मेंट सप्लायर कंपनी मोक्षित कार्पोरेशन के डायरेक्टर शंशाक चोपड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है छत्तीसगढ़ में दवा खरीदी के नाम पर किया गया अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है कांग्रेस शासन काल में हुए इस कारनामे ने स्वास्थ्य सुविधा की आड़ में चल रहे खिलवाड़ व धांधली की पोल खोल दी है घोटाले की जो एफ आई आर की गई उसमें स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है एम डी पर तो काफी गंभीर आरोप लगे हैं इस मामले में कम से कम दस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है बड़े पैमाने पर हुए इस भ्रष्ट्राचार का भांडा तब फूटा जब छ.ग. के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम दिल्ली में प्रधान मंत्री कार्यालय में शिकायत करने पहुंच गए उनकी शिकायत पर जांच शुरु हुई तो लोग यह देख कर हैरान रह गए कि भ्रष्ट अधिकारियों ने महज 27 दिन में 750 करोड़ की दवाएं ओर मशीनरी खरीद ली जिनका कोई उपयोग तक नहीं था 300 करोड़ का तो री एजेंट खरीदा गया था जबकि इसकी कोई रिक्वायरमेंट ही नहीं थी प्रदेश में हो हल्ला न मचे इसके लिए इस रीएजेंट को छ.ग.700 से ज्यादा प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जबरन भिजवा दिया गया जबकि इसके उपयोग के लिए इन स्वास्थ्य केंद्रो में CBS मशीन ही नहीं है आज भी इस री एजेंट से रायपुर एवं गांव के स्वास्थ्य केंद्रों के गोदाम भरे पड़े हैं ऑडिट जांच में जब CGM SC की दवा सप्लाई एवं उपकरण को लेकर 2022-24 और 2023 -24 के दस्तावेज की जांच की गई तो पता चला कि इस दौरान बिना बजट के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की गई थी जांच में सामने आया कि पिछले कई सालों में जरूरत से ज्यादा केमिकल खरीदे एवं मेडिकल उपकरण खपाने के लिए नियम कानून की अन देखी की गई इस तरह कुल 750 करोड़ का भ्रष्ट्राचार किया गया और पर्दा डालने के लिए जिस अस्पताल में दवा और मशीन की जरूरत नहीं थी वहां भी सप्लाई कर दी गई ऐसा 700 से ज्यादा प्राथ मिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया था हाल ही में एसीबी व ईओ डब्ल्यू की टीम ने छ.ग. मेडिकल कॉर्पोरेशन में हुई गड़बड़ी के मामले में रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में गवर्मेंट सम्पलायर मोक्षित कॉरपोरेशन के ठिकानों पर दबिश दी थी इस दौरान शशांक चोपड़ा, सिद्धार्थ चौपड़ा और उनके भाइयों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की गई जिसमें टीम को कई अहम दस्तावेज भी मिले थे.
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