रायगढ़ टॉप न्यूज 20 मार्च। छत्तीसगढ़ प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ गणना 2018 के अनुसार 19 बाघों की संख्या है। इन पर वन विभाग नें 183.77 करोड़ रूपये खर्च किए है। इस संदर्भ में मंत्री शिव डहरिया ने सदन में जानकारी दी है।
छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग द्वारा 19 बाघों के देखभाल व संरक्षण अभियान के तहत मात्र 3 वर्षों में 183.77 करोड खर्च किए जाने पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुयें रायगढ़ के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल नें कहा कि 19 बाघों के लिए इतनी बड़ी राशि आखिर कहॉ-कहॉ किस तरह खर्च किया गया ? ये राशि वर्ष 2019 से 2022 के बीच बाघों के ऊपर खर्च किया गया बताया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार 3 सालों में 19 बाघों पर करोड़ो रूपये खर्च कर दिया है। इतनी बड़ी राशि का हिसाब छत्तीसगढ़ सरकार जनता को देना चाहियें। सदन में विधायक अरूण वोरा ने पूछा कि प्रदेश में कुल कितने टाइगर रिजर्व है पिछले 3 सालों में प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए कुल राशि खर्च की गई ?






विधायक को जवाब देते हुए मंत्री शिव डहरिया ने सदन में कहा प्रदेश में कुल 3 टाइगर रिजर्व है। सीतानदी उदंती, इद्रावती और अचानकमार पिछले 3 वर्षों मे साल 2019-20, 2020-2021, 2021-2022 में प्रदेश में बाघों के सरंक्षण के लिए 183.77 करोड रू. (एक सौ तिरासी करोड़ 77 लाख रूपये ) खर्च किए गए है। गणना के अनुसार कुल बाघों की संख्या 19 थी। बाघों के सरंक्षण के लिए करोड़ो रूपये खर्च किए जाने जाने पर रायगढ़ के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने कहा कि बाघों के रिजर्व टाइगर्स क्षेत्रों में खाने पर खर्च नही होता, बाघों के रिजर्व क्षेत्र में बड़ा निर्माण कार्य का काम भी नही हो सकता वो तो जंगल है बाघ को प्राकृतिक अवस्था में रखना होता है। वन विभाग के पास कालर आई डी भी नही है। जो बाघों को लगाया जाता है। उनकी स्थिति और रहन-सहन की जानकारी ली जाती है। कोई ऐसी अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च भी प्रदेश में बाघों पर नही चल रही तो 183.77 करोड 3 साल में 19 बाघों के पीछे खर्चा अर्थात एक बाघ के पीछे औषतन लगभग दस करोड़ रूपये खर्च असम्भव सा प्रतीत होता है, क्या आप को नही लगता कि ये सैकड़ों करोड रूपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये।
पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस सरकार के सभी विभाग में भ्रष्टाचार की खुली लूट मची हुई है। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार जनता का पैसा खूब लूटा रही है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। प्रदेश की जनता को क्या वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ शासन बताएगा कि किस-किस मद में यह राशि 183.77 करोड रूपये खर्च किया गया।
