दिसंबर 2024 तक की राशि खनिज विभाग के पास आई लेकिन खर्च नहीं हो पाई
रायगढ़। खनिज न्यास निधि की राशि का 154 करोड़ रूपए जाम पड़े हुए है, यह राशि दिसंबर 2024 तक मिला है। वह राशि को अब नई पालिसी प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के नई गाइडलाइन के अनुसार खर्च किया जाना है। इसकी पॉलिसी राज्य सरकार ने लागू करने जा रही है, इसलिए यह राशि अभी जाम पड़ी हुई है।
नई गाईडलाइन आने के बाद नए तरह से कार्ययोजना बनेगी और यह राशि खर्च की जाएगी। खनिज विभाग के पास अभी करोड़ो रूपए अलग अलग विभागों को दिया जाता है, इसमें अब खनन प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी सुविधाओं के साथ सड़क, नाली और पानी जैसे के लिए यह राशि खर्च किया जाएगा।
पिछले पांच सालों के कांग्रेस की सरकार में खनिज न्यास निधि में जमकर घबलेबाजी की गई है, यह राशि विवादों से जुड़ा रहा, अब बीजेपी की सरकार में नई पालिसी को निष्पक्ष और सही तरीके से आने वाले माह में खर्च किया जाएगा। खनन प्रभावित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष श्रेणी के लोगों को यह फायदा मिले, यह प्रयास होगा।
तीन माह का पैसा जारी करने के निर्देश
खनिज न्यास निधि के पिछले वर्ष के जनवरी, फरवरी और मार्च 2024 के तीन माह का पैसा जारी करने के निर्देश राज्य सरकार ने दिया है। इसमें ऐसे काम जो पुराने चल रहे है, उसमें यह राशि दिए जाने की बात कही है। बाकी रकम को भी अभी जारी नहीं करने की सलाह दी गई है, ऐसे में पिछले एक साल से खनिज न्यास निधि में जो रकम आया है,
उसका हस्तांतरण नहीं किया गया है। ऐसे में पूरी राशि जाम पड़ी हुई है, खनिज विभाग ने इस राशि को डीएमएफ शाखा को हस्तांतरण नहीं किया गयाा है। खनिज विकास निधि शाखा से ही हर विभागों को अलग अलग कार्य के लिए राशि का हस्तांतरण होता है।
प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) का कार्यान्वयन किया जाना है, प्रभावित जिलों के जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) द्वारा प्राप्त धनराशि का उपयोग करके किया जाना है। राज्य सरकार चाहती है कि पीएमकेकेवाई के गाईडलाइन को लागू करना चाहती है। इसलिए यह प्रयास किया गया है, पीएमकेकेवाई में खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी परियोजनाओं और कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना है। नई स्किम के अंतर्गत कवर किए जाने वाले प्रभावित क्षेत्रों और लोगों की पहचान कर उनमें खर्च किया जाना है। प्रभावित क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र जहां प्रत्यक्ष खनन-संबंधी कार्य जैसे उत्खनन, खनन, विस्फोट, लाभकारीकरण और अपशिष्ट निपटान (अतिभारित डंप, टेलिंग तालाब, परिवहन गलियारे आदि) स्थित हैं। उनमें खर्च किया जाना है।
अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र
क्षेत्र जहां खनन से संबंधित कार्यों के कारण आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय परिणामों के कारण स्थानीय आबादी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है। खनन के प्रमुख नकारात्मक प्रभाव पानी, मिट्टी और वायु की गुणवत्ता में गिरावट, धारा प्रवाह में कमी और भूजल की कमी, खनन कार्यों के कारण भीड़भाड़ और प्रदूषण, खनिजों का परिवहन, मौजूदा बुनियादी ढांचे और संसाधनों पर बढ़ता बोझ हो रहा हैं। उन पर यह खर्च होगा। इसकी सूचि तैयार कर राशि खर्च की जाएगी।