Raigarh News: तकनीक आधारित सुधारों से रजिस्ट्री की प्रक्रिया को बना रहे सुगम और सरल- वित्त मंत्री ओपी चौधरी

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अब रजिस्ट्री के बाद होगा स्वत: नामांतरण, अलग से नहीं करनी होगी कोई प्रक्रिया
‘रजिस्ट्री की दस नई क्रांतियों’ पर कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई कार्यशाला, रायपुर से पहुंचे विषय-विशेषज्ञों ने विस्तार से दी जानकारी

रायगढ़, 7 मई 2025/ पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री को लेकर की गई दस नई क्रांतिकारी पहल पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि एक आम आदमी जीवन में एक दो बार ही रजिस्ट्री करता है। यह जीवन में सबसे बड़ी खुशियों के पल में से एक होता है। पूरे जिंदगी की मेहनत से वह यह उपलब्धि हासिल करता है। उसका यह अनुभव अच्छा हो, इस भावना के साथ हमने प्रदेश में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को दस नई पहलों के जरिए सुगम, सरल व पारदर्शी बनाने का काम किया है। जिससे पंजीयन का सिस्टम बेहतर बने, लोगों को अधिक सुविधाएं मिले, उनकी दिक्कतें कम हो और सबसे महत्वपूर्ण इस पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की संभावनाएं खत्म हो। कलेक्ट्रेट के सृजन सभाकक्ष में यह एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें पंजीयन विभाग के विषय-विशेषज्ञों द्वारा रायगढ़ के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व मीडिया प्रतिनिधियों को विभाग की इन महत्वपूर्ण पहलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।













वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने बताया कि पिछले डेढ़ सालों में हमने पंजीयन की प्रक्रियाओं की खामियों एवं समस्याओं को समझते हुए उसके समाधान तथा पूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। सबसे पहले पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने सुगम ऐप लाँच किया गया था। इस ऐप के माध्यम से जमीन के अक्षांश-देशांश के साथ उसकी वास्तविक फोटो भी अपलोड हो जाती है। रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए पंजीयन विभाग की टीम ने पिछले सवा सालों में लगातार काम किया। टीम ने देश के अलग-अलग प्रदेशों के पंजीयन प्रक्रिया का अध्ययन किया, यही नहीं टीम ने दूसरे देशों के सिस्टम को भी जाना। जिसके आधार पर प्रदेश में बेस्ट प्रेक्टिसेस को लागू करने की रूप रेखा तैयार की गई। प्रदेश में तकनीक आधारित सुधार पर जोर दिया गया है। फर्जी रजिस्ट्री के मामले रोकने के लिए क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार नंबर और बायोमेट्रिक से जोड़ी जा रही है। वाट्सअप के माध्यम से रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग के साथ पंजीयन पूर्णता पर रजिस्ट्री की प्रति भी वाट्सअप पर प्राप्त होगी। डिजीलॉकर सेवाओं के माध्यम से पंजीकृत दस्तावेज अब पक्षकार के ऑनलाईन डिजीलॉकर में डिजीटल रूप से संरक्षित रहेगी। पक्षकार द्वारा जानकारी होने के पश्चात रजिस्ट्री दस्तावेज स्वत: जनरेट होगा और सबसे महत्वपूर्ण रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकार्ड में स्वत: दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से नामांतरण आवेदन, शुल्क या लम्बे इंतजार की जरूरत नहीं पड़ेगी।


कार्यशाला को महापौर जीवर्धन चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी की पहल से प्रदेश में रजिस्ट्री की प्रक्रिया में ये क्रांतिकारी बदलाव किए गए है। इनका लाभ आमजन को मिलेगा तथा उनके लिए जमीन की रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया पहले से अधिक आसान होगी। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कार्यशाला के अंत में आभार प्रकट करते हुए कहा कि पंजीयन प्रक्रिया के इन सुधारों से लोगों के समय व श्रम की बचत होगी तथा पंजीयन की प्रक्रिया सरल तरीके से पूर्ण हो सकेगी। इस अवसर पर सभापति डिग्रीलाल साहू, खरसिया नगर पालिका अध्यक्ष कमल गर्ग, रविन्द्र गबेल, विलीस गुप्ता, सुषमा खलखो, संजय अग्रवाल, मुक्तिनाथ बबुआ, शरद सराफ, सतपाल बग्गा, अजय अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, अपर कलेक्टर रवि राही, अपर कलेक्टर अपूर्व प्रियेश टोप्पो, आयुक्त नगर निगम बृजेश सिंह क्षत्रिय, समस्त एसडीएम सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी व मीडिया प्रतिनिधि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

पिछला रिकार्ड भी कर रहे डिजीटल, पंजीयन विभाग तैयार कर रहा खुद का सॉफ्टवेयर
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि पंजीयन संबंधी रिकार्ड डिजीटल किया जा रहा है। अब तक सन् 1986 तक का रिकार्ड डिजीटल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयन विभाग द्वारा विभिन्न प्रदेशों व राष्ट्रीय स्तर के सॉफ्टवेयर के आंकलन के पश्चात प्रदेश के लिए उत्कृष्ट व आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जो देश के सर्वश्रेष्ठ सॉफ्टवेयर में से एक होगा। अगले 6 महीने में इसे पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके लाँच होने के पश्चात रजिस्ट्री से संबंधित प्रक्रियाएं और अधिक तेज, सुगम और सरल हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि पंजीयन कार्यालयों को भी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है।

रायपुर से पहुंचे मास्टर ट्रेनर्स ने वर्कशॉप में विस्तार से दी जानकारी
पंजीयन विभाग द्वारा किए गए 10 नए सुधारों को लेकर रायपुर से पहुंचे पंजीयन विभाग के उप महानिरीक्षक पंजीयक व अधीक्षक मुद्रांक मदन कोरपे व मास्टर ट्रेनर विरेन्द्र श्रीवास ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व मीडिया प्रतिनिधियों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी तथा उनके शंकाओं का समाधान भी किया।

ये है रजिस्ट्री की 10 क्रांतिकारी पहल

फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन
पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड व बायोमेट्रिक के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाड़े का शिकार नही होना पड़ेगा और फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा  
आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ति खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी। खसरा नंबर दर्ज कर संपत्ति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और रजिस्ट्री दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। इससे क्रेताओं को विवादित या बंधक जमीन की जानकारी पहले ही प्राप्त हो जाएगी।
भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा
भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है। संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है। कई शासकीय कार्यों एवं बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। यह प्रमाणपत्र अब आनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा।
एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा
पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग-अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एक साथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पीओएस मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यूपीआई से फीस का भुगतान हो सकेगा।
व्हाट्सएप मैसेज सर्विसेज
व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपाईन्टमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी।
डिजीलॉकर की सुविधा
रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पडऩे पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए।
आटो डीड जनरेशन की सुविधा
जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वत: ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा।
घर बैठे स्टाम्प सहित दस्तावेज निर्माण
डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीकृत दस्तावेज अब घर बैठे डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन तैयार किए जा सकते हैं।
घर बैठे रजिस्ट्री
दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है। अभी यह सेवा 10 प्रकार के दस्तावेजों जैसे-रेंट एग्रीमेंट, मोर्गेज डीड आदि में शुरू की गई है।
रजिस्ट्री के साथ होगा स्वत: नामांतरण
रजिस्ट्री प्रक्रिया पूर्ण होते ही संबंधित क्रेता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में स्वत: दर्ज हो जाएगा। इसके लिए अलग से नामांतरण आवेदन, शुल्क या लंबी प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे नागरिकों के समय, प्रयास और खर्च तीनों की बचत होगी। अब तक अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराने के बाद उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता रहा हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीडि़त पक्षकारों को न्याय के लिए भटकना पड़ता था। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वत: नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार भी नही होना पड़ेगा।





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