रेत का संकट, हजारों मकानों का निर्माण अटका
तीन खदाने जल्द शुरु करा देने का दावा
खनीज विभाग का दावा इसी हफ्ते आबंटित कर दी जाएगी 3 खदाने
रायगढ़ टॉप न्यूज 29 दिसंबर 2023 । जिले में 32 खदाने है, वह सारे खदाने बंद हो रखी है। 2019-2021 तक खदानों को आबंटित किया गया था, लेकिन सभी वैधता खत्म हो गई है। इसमें रायगढ़ जिले में रायगढ़, पुसौर को छोड़ दे ं तो पांच ब्लॉक ट्रॉयबल बेल्ट में आता है, कुछ माह पहले रेत खदानों का संचालन करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों के अधीन कर दिया था । जो रेत खदानें आवंटित की जा चुकी थी, उनको भी नए सिरे से स्वीकृति लेनी पड़ रही है। इसमें ग्राम पंचायत से जुड़े लोग रेत खदान संचालन के लिए रुचि नहीं लेने की भी बात सामने आई थी, इसके बाद खनिज विभाग ने पंचायत विभाग मदद मांगा था। अब सारी खदाने बंद हो गई है।
जिले में अचानक से रेत के लिए मारामारी मच रही है। वैध तरीके से खनन बंद हो चुका है क्योंकि एक भी रेत घाट चालू नहीं है । इसमें किसी भी तरह का ट्रॉजिट पास भी खनिज विभाग इश्यू नहीं कर रहा है, ऐसे में रेत की मारामारी मच गई है।
इधर कालाबाजारी कर ट्रैक्टरों से रेत को शहर में लाया जा रहा था, दो दिनों पहले खनिज विभाग ने बिना रॉयल्टी के एक दर्जन से अधिक गाड़ियों को पकड़ कर जब्त कर लिया है। इसके बाद रेत को लेकर और मारामारी मच गई है। प्रधानममंत्री आवास से जुड़े मकान और सरकारी प्रोजेक्टस एवं घरों का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है ।
पहले 1400 रुपए में मिलता था, वह अब ढ़ाई हजार रुपए मिलता है
खनिज विभाग के कार्रवाई के बाद रेत के दाम एकाएक बढ़ गया है, दो दिनों पहले तक रेत प्रति टैक्टर 1400 रुपए में मिला रहा था अब सप्लायर उस रेत के प्रति टैक्टर को ढाई हजार रुपए में बेचने की बात कह रहे है, ऐसे में जो घरों या कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम कर रहे है उनके लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एकाएक रेत के दाम बढ़ने से निर्माण के कार्य रोकने की स्थिति बन रही है। कामकाज ठप्प हो गया है।
पर्यावरणीय स्वीकृति अवधि समाप्त हो जाने के कारण सभी रेत घाट बंद पड़े हैं। संभव है कि अगले सप्ताह तक दो-तीन रेत खदानों को अनुमति मिल जाएगी। पूर्व सरकार ने प्रदेश में रेत खनन के नियम बदल दिए थे। सभी रेत घाटों का आवंटन नीलामी के जरिए किया गया। इस प्रक्रिया में ही दो साल लग गए इसके बाद पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने में भी लंबा समय गुजर गया परेशानी तब आई जब आदिवासी ब्लॉक के रेत घाटों का संचालन ग्राम पंचायत के अधीन कर दिया गया। अब जानकारी मिली है कि रेत घाटों का संचालन पूरी तरह बंद हो चुका है। रायगढ़ जिले में वर्तमान में एक भी जीवित रेत घाट नहीं है। सबकी अवधि समाप्त हो चुकी है। एक समय था जब रायगढ़ जिले में 15 रेत घाट संचालित होते थे, लेकिन अब एक भी वैध रेत खदान नहीं है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि निर्माण कार्यों में ब्रेक लगने लगा है।
इन खदानों को चालू किया जाना है, स्वीकृति स्थानीय स्तर पर अटकी
खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ के खरसिया के टायंग और पामगढ़, रायगढ़ ब्लॉक के उसरौट में रेत खदान खोले जाने को लेकर फाइल स्थानीय स्तर पर चल रही है। इसमें मंजूरी प्रक्रिया नहीं होने की वजह से यह खदान शुरु नहीं हो पा रहा है। रेत का संकट गहराया हुआ है, आने वाले समय में यदि रेत खदान चालू नहीं होंते है तो हालात और बिगड़ेगे । हम इसी हफ्ते खदाने चालू करा देंगे रेत को लेकर संकट की स्थिति बनी हुई है, इसकी जानकारी है। रेत खदान का आबंटन की प्रक्रिया चल रही है, इसी हफ्ते ही हम तीन खदानों का आबंटन शुरु कर दिया गया है। इसमें कामकाज शुरु हो जाएगा, इसके बाद स्थिति ठीक हो जाएगी । हमने दो दिनों पहले रेत से भरे अवैध परिवहन गाड़ियों को पकड़ा है।
योगेन्द्र सिंह, प्रभारी उपसंचालक खनिज विभाग