Raigarh News: युवाओं को स्किल्ड बनाने लाखों खर्च से बने लाईवलीहुड कॉलेज में लगा ताला…ओडिशा रोड कॉलेज के साथ हॉस्टल भी नहीं खोल सके

0
66

30 लाख रुपए की टैक्सटाइल यूनिट भी बंद हुई…पांच साल में एक भी अच्छे कोर्स नहीं शुरु कर पाए

 रायगढ़ टॉप न्यूज 5 जनवरी 2024। युवाओं स्किल्ड होने के साथ ही उन्हें तुरंत नौकरी मिल सके, इसके लिए ओडिशा रोड में लाईवलीहुड कॉलेज खोला गया, लेकिन यह ट्रेनिग संस्थान अब बंद हो गई है। कुछ माह पहले तक यहां पर ऑफिस असिस्टेंट और डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे कोर्स शुरु किया गया, इसमें 30-30 सीटों पर एडमिशन देने के बाद उन्हें ट्रेनिंग कराई जा रही थी । कुछ कोर्स में ट्रेनर ने नौकरी छोड़कर चले गए और आचार संहिता लगने के बाद कॉलेज में कोई ट्रेनिंग नहीं चल पाया, अब संस्थान पूरी तरह से बंद हो गई है। हालांकि पिछले पांच सालों में यदि देखे तो 2017 के बाद से यहां पर व्यवस्थित तरीके से नहीं चल पाया है, पिछले साल डीएमएफ (खनिज न्यास (निधि) से कुछ नए कोर्स शुरु करने की तैयारी तत्कालिन कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हां की, लेकिन बाद में उनका ट्रांसफर हो गया और आचार संहिता लग गई।























अब नई सरकार से उम्मीद

अब बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद लाईवलीहुड कॉलेज के लिए नई स्किल्ड कोर्स के साथ ही युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरु कराने के लिए नई गाईडलाइन आने के बाद इसमें ट्रेनिंग शुरु हो सकेगा । रायगढ़ में लाईवलीहुड कॉलेज के साथ ही हॉस्टल भी बनवा लिया, क्योंकि वहां पर स्टूडेंट्स ट्रेनिंग के साथ रहने खाने की सुविधा भी रहे, लेकिन पिछले पांच सालों में हॉस्टल शुरुआत भी नहीं हो पाई है। ऐसे में पूरा प्रोजेक्ट भी अधर लटकी रही, अब नई सरकार से इसे शुरु कराने की तैयारी है।

गाईडलाइन आने के बाद नई ट्रेनिंग शुरू हो सकेगा

 

नई स्किल्ड कोर्स के लिए सरकार से गाईडलाइन आना है, वह अभी नहीं आया है। पिछले जो कोर्स चल रहे थे युवा ट्रेनिंग कर रहे थे, उनकी उपस्थिति जो 75 फीसदी होनी थी, वह नहीं हो पाया। कुछ दिनों पहले तक डाटा एंट्री ऑपरेटर, ऑफिस असिस्टेंट कोर्स चलरहे थे।

रामजीत राम, रोजगार अधिकारी

 

 

5 सालों में कुछ नया नहीं कर पाए

दरअसल 2018 के पहले इसकी ट्रेनिंग टीवी टॉवर रोड स्थित पंचायत ट्रेनिंग सेंटर के एक बिल्डिंग में चल रही थी. हालांकि उस समय नई तरह के कोर्स | चलने की वजह से युवा नए नए ट्रेड में ट्रेनिंग लेने के बाद कुछ युवाओं को जॉब | भी मिल जाता था। 2018 के बाद कांग्रेस | सरकार आने के बाद कोविड की वजह से लंबे समय तक यह संस्थान बंद रही, सरकार ने नई पॉलिसी लाई लेकिन संस्थान कोई ट्रेनिंग पार्टनर नहीं मिल पाने की वजह से यह स्कीम जैसे तैसे करके चलाई जा रही थी। दो सालों पहले यही पर प्रशासन ने टैक्सटाइल यूनिट भी चालू किया, उसमें महिला समूहों को जोड़ा गया। उन्हें सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म | बनाने का काम भी दिया गया, लेकिन महिलाओं को कोई काम नहीं मिल पाने के बाद वह भी बंद कर दिया गया। यहां पर सीएसआर 30 लाख रुपए की लागत से | इसे प्रशासन तैयार कराया गया था, यह फ्लाप रहा।



































LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here