रायगढ़। उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तरह शहर में भी रियासत काल से बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ रथयात्रा उत्सव को मनाने की धार्मिक परंपरा चली आ रही है। विधिवत ढंग से रथयात्रा उत्सव को राजापारा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट, उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति, राजपरिवार व शहर के श्रद्धालुओं द्वारा भव्यता दी जा रही है। धार्मिक इस परंपरा के अंतर्गत भगवान महाप्रभु की नेत्रोत्सव पूजा व छेरा पहरा पहंडी पूजा के पश्चात आज शाम पांच बजे वैदिक मंत्रोच्चार, घंट, शंख, ध्वनि व हरि बोलो के जयकारे के साथ भगवान जगन्नाथ सुभद्रा बहन व बलभद्र भैया की पूजा अर्चना कर रथारुढ़ किए। इसके पश्चात परंपरानुसार तीनों को श्रद्धालुओं ने नगर परिभ्रमण कराया फिर उनके गुंडिचा मौसी जयकारे के साथ ले जाया गया और समूचा अंचल हरि बोलो के जयकारे से गुंजित हो गया।
सुबह हुई विशेष पूजा
पंडित सुदामा पंडा ने बताया कि सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सुप्रसिद्ध पंडित ब्रजेश्वर मिश्रा के सानिध्य में भगवान महाप्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा बहन व बलभद्र भैया की विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात दोपहर में महाभोग लगाया गया फिर शाम पांच बजे मंदिर में पूजा अर्चना की गई। इसके बाद भव्य बाजे – गाजे के साथ नगर परिभ्रमण के लिए रथ यात्रा निकली।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
आज रथयात्रा उत्सव में दर्शन – पूजन के लिए दूर – दूर से श्रद्धालुगण पहुंचे। वहीं राजापारा से रथ निकल कर चांदनी चौक पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर महाआरती किए व भोग अर्पित किए। वहीं चांदनी चौक से सार्वजनिक रथोत्सव समिति द्वारा बनाए गए व प्रगति कला मंदिर सोनार पारा के श्रद्धालुओं द्वारा भी बनाए गए रथ एक साथ सोनारपारा से गांजा चौक कोतवाली होते हुए गायत्री मंदिर पहुंचे और वहां से फिर मौसी घर पहुंचे । जगह – जगह श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर महाप्रभु के जयकारे लगाए और समूचा शहर हरि बोलो के जयकारे से गुंजित हो गया।
जगह – जगह निकली रथ यात्रा
रथयात्रा उत्सव की खुशी में शहर में रथयात्रा उत्सव को उत्साह के साथ मनाया गया वहीं शहर के विभिन्न स्थानों से भी रथयात्रा निकाली गई व छोटे – छोटे बच्चों ने भी उत्साह के साथ छोटा रथ निकाले।
15 को होगी महाप्रभु की वापसी
– – मौसी घर में 8 दिन भगवान सेवा प्रसाद प्राप्त कर दशमी 15 जुलाई की संध्या 4 बजे वापस अपने मंदिर आने पूरी भव्यता से भजनकीर्तन मंडली एवं मंदिर के सेवकों कार्यकर्ताओं के साथ रथारुढ होकर निकलेंगे एवं हटरी चौक से गद्दी चौक, पैलेस रोड, गोपीनाथ जीव मंदिर से चांदनी चौक होते हुए राजा पारा स्थित अपने श्री मंदिर पहुंचने पर उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा भगवान की महा आरती कर स्वागत किया जायेगा। जहां भगवान मंदिर प्रांगण में ही रहेंगे।
राजापारा में लगा मेला
भव्य रथयात्रा उत्सव इस बार मनाया गया और आज महाप्रभु के रथारुढ़ पूजा – अर्चना कार्यक्रम में शहर के श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में भाग लिया जिससे राजापारा में मेला सा माहौल रहा और दर्शन करने दूर – दूर से श्रद्धालु पहुंचे। वहीं राजापारा से चांदनी चौक तक लोगों को राहत देने के लिए पुलिस के जवान भी सेवा कार्य में लगे रहे। वहीं राजमहल के पास शाम चार बजे से रात तक मेला सा माहौल रहा। इसी तरह सुरक्षा व सहयोग के लिए पुलिस विभाग व ट्रैफिक विभाग के जवानों का भी रथयात्रा उत्सव में बेहद सराहनीय योगदान रहा। महाप्रभु की आगामी पूजा अर्चना के कार्यक्रम को भव्यता देने में सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।
15 को होगी महाप्रभु की वापसी
मौसी घर में 8 दिन भगवान सेवा प्रसाद प्राप्त कर दशमी 15 जुलाई की संध्या 4 बजे वापस अपने मंदिर आने पूरी भव्यता से भजनकीर्तन मंडली एवं मंदिर के सेवकों कार्यकर्ताओं के साथ रथारुढ होकर निकलेंगे एवं हटरी चौक से गद्दी चौक, पैलेस रोड, गोपीनाथ जीव मंदिर से चांदनी चौक होते हुए राजा पारा स्थित अपने श्री मंदिर पहुंचने पर उत्कलिका मातृशक्ति द्वारा भगवान की महा आरती कर स्वागत किया जायेगा। जहां भगवान मंदिर प्रांगण में ही रहेंगे।